
खबर रफ़्तार, प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि पुलिस अधिकारी अक्सर अपने लिए बड़ी छवि बनाते हैं, लेकिन वे जनता की शिकायतों का समाधान करने से खुद को बचाते हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, अपहरण के मामलों में पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय न होने से वह उदासीन और निष्क्रिय बने रहते हैं। ऐसे में अगवा व्यक्ति का समय पर पता नहीं चल पाता और उसकी हत्या हो जाती है। प्रथम दृष्टया ऐसे मामले में जिस थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज हुई थी, उस पुलिस अधिकारी को भी जिम्मेदार बनाना चाहिए।
कोर्ट ने यह टिप्पणी कर वाराणसी के पुलिस आयुक्त से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। पूछा है कि बताएं अगवा व्यक्ति को अभी तक क्यों खोजा नहीं जा सका। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर व न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने नितेश कुमार की याचिका पर दिया।
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