ख़बर रफ़्तार, नोएडा: प्रदेश में नवाचार को बढ़ाव देने के लिए प्रदेश सरकार की बहुप्रतिक्षित चार हजार करोड़ रुपये के इनोवेशन फंड की रुपरेखा नोएडा में तैयार होगी। इसके लिए बुधवार को एकेटीयू के नोएडा परिसर स्थित उत्तर प्रदेश डिजाइन इंस्टीट्यूट (यूपीआईडी) में प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की बैठक होगी।
इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार केवी राजू समेत अन्य उच्च अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में इनोवेशन फंड के अलग-अलग हितधारक निवेश के लिए बनने वाली फर्म की रुपरेखा को लेकर मंथन करेंगे। बैठक को लेकर यूपीआईडी में तैयारी तेज हो गई है।
यूपी सरकार 400 करोड़ रुपये करेगी खर्च
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वकांक्षी इस योजना को 2022 में अनुमति मिली थी। अब इसको जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने के लिए काम शुरू हो गया है। इस पर फंड के रूप में चार सौ करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश सरकार निवेश करेगी, जबकि शेष 36 सौ करोड़ रुपये निजी क्षेत्र का रहेगा। फंड का संचालन इंवेस्टमेंट मैनेजर द्वारा किया जाएगा।
यह एक ट्रस्ट के रूप में काम करेगी। बुधवार को इसी ट्रस्ट के चयन को लेकर मंथन किया जाएगा। यह चयन मेसर्स डेलायट, जो चयन की प्रक्रिया में सलाहकार के रूप में कार्य करेगी और इसके द्वारा तैयार बिड डॉक्यूमेंट एवं बिड मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा। इनोवेशन फंड की स्थापना के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग को नोडल विभाग है।
इंवेस्टमेंट मैनेजर द्वारा समय-समय पर यूपी इनोवेशन फंड के कार्पस से उपयुक्त समय-सारिणी के अनुसार वैकल्पिक निवेश कोष (एआइएफ) गठित कर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(सेबी) में पंजीकृत कराया जाएगा। एआइएफ द्वारा स्टार्टअप में निवेश किया जाएगा।
प्रदेश के लिए उपयोगी स्टार्टअप को मिलेगी प्राथमिकता
इस फंड के तहत प्रदेश के लिए उपयोगी व आम लोगों को सीधे प्रभावित करने वाले स्टार्टअप को प्राथमिकता दी जाएगी। इनोवेशन फंड से यूपी में ही अधिक से अधिक स्टार्टअप शुरू करने पर जोर दिया जाएगा। फंड की एडवाइजरी कमेटी में प्राविधिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी शासन के प्रतिनिधि के रूप में सदस्य रहेंगें। इसमें डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय भी अहम भूमिका निभा रहा है। यह स्टार्टअप इन यूपी से अलग है।
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