राम नाम ने बदली तकदीर… हाथ नहीं थे फिर भी रखा हौसला, पैरों से पेंटिंग बनाकर नजीर बन गई अंजना

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ख़बर रफ़्तार, ऋषिकेश:  लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती…,सोहनलाल द्विवेदी की यह पंक्ति अंजना पर सटीक बैठती है। हाथ नहीं है तो वह पैरों से पेंटिंग बनाती हैं। उनका यह हौसला अन्य लोगों के लिए मिसाल बना हुआ है। इसी हौसले से वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं।

38 वर्षीय अंजना ने बताया कि वह श्यामपुर स्थित गुर्जर प्लाट में रहती हैं। बीते 12 वर्षों से वह नगर पंचायत स्वर्गाश्रम जौंक क्षेत्र में नावघाट के समीप मुख्य बाजार के सड़क किनारे बैठकर पेंटिंग बनाती हैं। कहा, एक बार वह सड़क किनारे बैठकर अपने पैर से कॉपी पर राम नाम लिख रही थी। इस इसी के बाद से उसकी तकदीर बदल गई। अंजना को पैरों से राम नाम लिखता देख इंग्लैंड की महिला पर्यटक स्टेफिन उनके पास आईं।

Ram Mandir Rishikesh Lady who have no hands make painting by foot inspirational story

तब महिला पर्यटक ने अंजना को पेंटिंग बनाने के लिए प्रेरित किया। विदेशी महिला की बात सुनकर उन्होंने अगले दिन से ही पेंटिंग बनाना शुरू कर दिया। पैरों से पेंटिंग बनाते देख पर्यटक उसकी पेंटिंग के मुरीद हो गए। तब से लेकर अब तक वह कई प्रकार की पेंटिंग बना चुकी हैं।
Ram Mandir Rishikesh Lady who have no hands make painting by foot inspirational story
जिसे विदेशी पर्यटकों ने खरीद लिए हैं। अंजना ने बताया कि करीब एक वर्ष पहले उन्होंने भगवान राम का चित्र बनाया था। जिसे एक विदेशी पर्यटक ने खरीद लिया था। कहा, वह सड़क किनारे बैठकर किसी से कुछ नहीं मांगती है।
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पर्यटक अपने श्रद्धा भाव से जो देते हैं वह उसे स्वीकार कर लेती हैं। कहा, पांच वर्ष पहले उनके पिता का देहांत हो गया, मां बुजुर्ग हैं। परिवार में एक भाई और तीन बहनें हैं। परिवार में वह सबसे बड़ी है। भाई-बहनों की शादी हो चुकी है।
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वह अपनी मां के साथ गुर्जर प्लाट में रहती है। उसका भाई रुद्रपुर की एक कंपनी में काम करता है, जहां वह अपने परिवार के साथ रहता है।

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