चंडीगढ़ में नगर निगम का अतिक्रमण पर एक्‍शन, कार्रवाई रुकवाने के लिए बुलडोजर के आगे लेटे मेयर; उठा ले गई पुलिस

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ख़बर रफ़्तार, चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही चंडीगढ़ नगर निगम ने अतिक्रमण के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। गुरुवार को पहली बड़ी कार्रवाई मनीमाजरा पुलिस स्टेशन के सामने स्थित धार्मिक स्थल को गिराने से शुरू की गई।

कार्रवाई रुकवाने के लिए मेयर कुलदीप कुमार, आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया, कांग्रेस पार्षद सचिन गालव, एरिया पार्षद सुमन मौके पर पहुंच गईं। वे बुलडोजर के सामने लेट गए।

हाथ-पांव से पकड़कर उठा ले गई पुलिस

मेयर कुलदीप के बुलडोजर के सामने से नहीं हटने पर पुलिस उन्हें हाथ-पांव से पकड़कर उठा ले गई। आप सह प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया को घसीटकर ले गई। अन्य को पुलिस बसों में भरकर दूसरे एरिया के थाने ले गई। उसके बाद अतिक्रमण हटाया गया। 40 वर्ष पुराने मंदिर के पास दो कमरे, साईं मंदिर, पूजा सामग्री की दुकान, गेट व चारदीवारी को तोड़ा गया।

अब यहां हाल, शिवलिंग व मूर्तियों वाला स्थल ही बचा है। आप व कांग्रेस नेताओं ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा से चुनाव में हार नहीं पच रही है। कार्रवाई के दौरान कोई भाजपा नेता नहीं दिखा जबकि इससे पहले कई बार भाजपा नेताओं ने मुहिम रुकवाई थी। उधर, नगर निगम ने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई कार्रवाई बताया।

मेयर कुलदीप बोले- अधिकारी केंद्र के इशारे पर काम कर रहे

मेयर कुलदीप कुमार ने कहा कि वह खुद मौके पर गए थे। अधिकारियों से कहा कि समय दे दो, वह खुद अतिक्रमण हटा लेंगे लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। कमिश्नर से कई बार फोन पर बात हुई, पर उन्होंने भी कहा कि यह तो होगा ही। सोचिए एक मेयर की नहीं सुनी जा रही।

कहने को तो मेयर ‘हेड ऑफ डिपार्टमेंट’ तथा शहर का प्रथम नागरिक है लेकिन शक्तियां अधिकारियों के पास हैं। यही अधिकारी जब मार्बल मार्केट व इंदिरा हालीडे होम में भारत विकास परिषद पर कार्रवाई करने गए तो भाजपा के मेयर के कहने पर लौट गए थे। अधिकारी केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रहा हैं। 106 धार्मिक स्थलों के बाहर नोटिस लगा दिए गए हैं।

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