
खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम लागू होने के एक दिन बाद रविवार शाम तीनों सेनाओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जो करीब 1 घंटा 10 मिनट तक चली। इस दौरान थल सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, नौसेना के वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद और वायुसेना के एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी अहम जानकारियां साझा कीं।
भारतीय सेना ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सेना की इस प्रेस ब्रीफिंग में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती शामिल हुए। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश के साथ विस्तृत जानकारी साझा की। ये तीनों सैन्य अधिकारी (लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती) ऑपरेशन सिंदूर के नायक हैं। जिन्होंने अपनी शानदार रणनीति और अद्म्य साहस का परिचय देते हुआ पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को धराशायी कर दिया। आईए जानते हैं इन तीन नायकों के बारे में सबकुछ….
कौन हैं डीजीएमओ राजीव घई?
डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ही वह अफसर हैं, जिनके पास पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल कासिफ ने संघर्ष विराम की गुहार लगाई थी। इस बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम को लेकर अस्थायी सहमति बनी थी।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने अक्टूबर 2024 को डीजीएमओ के पद पर ज्वाइन किया था। इस महत्वपूर्ण पदभार को संभालने से पहले, वह चिनार कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग जीसीओ के पद पर तैनात थे। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को कश्मीर घाटी और नियंत्रण रेखा पर आतंकवाद विरोधी अभियानों का विशेषज्ञ माना जाता है। ऑपरेशन सिंदूर में भी इनकी अहम भूमिका रही है।
एयर मार्शल एके भारती
ऑपरेशन सिंदूर में वायुसेना की कमान संभलाने वाले एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने 3 अक्टूबर 2024 को महानिदेशक वायु संचालन का पदभार ग्रहण किया। एके भारती सेना में 1987 में कमीशन हुए थे। वे एनडीए, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं।
अपनी वर्तमान भूमिका से पहले, उन्होंने कई प्रमुख पदों पर कार्य किया, जिनमें एयर ऑफिसर कमांडिंग एडवांस मुख्यालय ईएसी, एयर स्टाफ ऑपरेशन (आक्रामक) के सहायक प्रमुख और सीएसी के वरिष्ठ एयर स्टाफ ऑफिसर शामिल हैं। वह एक फाइटर कॉम्बैट लीडर हैं और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के स्नातक हैं। वह सुखोई-30 एमके स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर भी रह चुके हैं।
वाइस एडमिरल एन प्रमोद
भारत पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच समुद्र में नौसेना पाकिस्तान के नापाक इरादों को नेस्तानाबूद करने के लिए तैयार थी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना की जिम्मेदारी वाइस एडमिरल एन प्रमोद पर थी। वाइस एडमिरल एन. प्रमोद ने 15 जनवरी 2024 को नौसेना संचालन महानिदेशक(DGNO) का पदभार संभाला था। वे नौसेना अकादमी गोवा के 38वें इंटीग्रेटेड कैडेट कोर्स के पूर्व छात्र हैं और 01 जुलाई 1990 को भारतीय नौसेना में कमीशन हुए थे। यह फ्लैग ऑफिसर ‘कैट ए’ सी किंग एयर ऑपरेशंस ऑफिसर हैं और संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ भी हैं।
उनकी प्रमुख नियुक्तियों में पश्चिमी बेड़े के फ्लीट ऑपरेशंस ऑफिसर, आईएनएस अभय, शार्दूल और सतपुड़ा के कमांडिंग ऑफिसर, राजपूत के कार्यकारी अधिकारी, सुजाता के एससीओ और क्रिपान के जीओ- II शामिल हैं। उन्होंने पोर्ट ब्लेयर स्थित नौसेना वायुसैनिक अड्डे की भी कमान संभाली और डीएसएससी, वेलिंगटन में डायरेक्टिंग स्टाफ के रूप में भी कार्य किया।
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