वर्ष 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी राजीव कृष्ण ने शनिवार को उप्र पुलिस मुख्यालय में अपने पूर्ववर्ती प्रशांत कुमार से औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर आभार जताया और भरोसा दिया कि वह राज्य सरकार की प्राथमिकताओं (अपराध और भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करना, महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की उत्कृष्टता) को पूरी निष्ठा के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजीव कृष्ण ने दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल का नेतृत्व करने के लिए उन पर भरोसा जताने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य में पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक व्यापक 10 सूत्री एजेंडे पर जोर दिया। उन्होंने ने कहा, “यह एक बड़ी जिम्मेदारी है और मैं उत्तर प्रदेश पुलिस को उत्कृष्टता की अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधियों, विशेषकर संगठित आपराधिक गिरोहों के विरुद्ध कठोर रुख अपनाएगी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना है।” महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने की तत्काल आवश्यकता को स्वीकार करते हुए कृष्णा ने कहा कि रोकथाम और निवारण, दोनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा की भावना को मजबूत करने पर केंद्रित होगी।” कृष्णा ने रेखांकित किया कि सार्वजनिक शिकायतों का संवेदनशील तरीके से निपटारा करना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा, “हम सुनिश्चित करेंगे कि हर आवाज सुनी जाए और हर शिकायत का सहानुभूतिपूर्वक और तेजी से समाधान किया जाए।” कानून- व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए डीजीपी ने चेतावनी दी कि किसी भी व्यवधान से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने साइबर अपराध को एक बढ़ती चुनौती के रूप में भी चिह्नित किया खासकर कोविड-19 के बाद के समय में। उन्होंने कहा, “हमने अपने साइबर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है और विभिन्न उन्नत तकनीक का उपयोग करके इसे और आधुनिक बनाएंगे।”
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