अयोध्या के राम मंदिर के पुजारियों और सेवादारों के जीवन में भी सुखद बदलाव देखने को मिले

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ख़बर रफ़्तार, उत्तर प्रदेश : अयोध्या में जब भगवान श्रीराम अपने मंदिर में विराजमान हुए, तो वहां के पुजारियों और सेवादारों के जीवन में भी सुखद बदलाव देखने को मिले। राम मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर में तैनात पुजारियों, सेवादारों, भंडारियों और कोठारियों की सैलरी में 10% की वृद्धि करने का निर्णय लिया है, जो उनके लिए एक बड़ी खुशखबरी साबित हुई है। इस सैलरी वृद्धि से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना की जाएगी। यह कदम उनके प्रति ट्रस्ट की सराहना और सम्मान को दर्शाता है, और मंदिर के कर्मचारियों को बेहतर आर्थिक स्थिति प्रदान करेगा।

22 जनवरी को विराजमान हुए थे श्री राम

आपको बता दें कि 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के मंदिर में विराजमान हुए सात महीने पूरे हो चुके हैं, और इस दौरान प्रतिदिन 1 लाख से अधिक भक्त दर्शन के लिए आ रहे हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, राम मंदिर ट्रस्ट ने पुजारियों और सेवादारों को उनकी सेवा और आराधना के लिए एक विशेष तोहफा देने का निर्णय लिया है। ट्रस्ट ने मंदिर में तैनात पुजारियों, सेवादारों, भंडारियों और कोठारियों की सैलरी में 10% की वृद्धि की है। यह वृद्धि उनके समर्पण और कठिन काम को सम्मानित करने के लिए की गई है और उनके जीवन में सुखद बदलाव लाने का प्रयास है।

मुख्य पुजारी के वेतन में हुई 3500 की वृद्धि तो…

मुख्य पुजारी के वेतन में 3500 रुपये की वृद्धि की गई है, जबकि सहायक पुजारियों की सैलरी 3000 रुपये तक बढ़ाई गई है। पहले मुख्य पुजारी की सैलरी 35 हजार रुपये थी, जो अब बढ़कर 38,500 रुपये हो गई है। इसी प्रकार, सहायक पुजारियों का वेतन 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 33 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, कोठारियों और भंडारियों की सैलरी में भी इसी प्रकार की वृद्धि की गई है, जिससे उनके वेतन में भी सुधार हुआ है। यह वृद्धि उनके समर्पण और मेहनत को सम्मानित करने के उद्देश्य से की गई है।

मुख्य पुजारी ने किया ट्रस्ट का आभार व्यक्त 

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी कि राम मंदिर ट्रस्ट ने पुजारियों और अन्य सेवादारों की सैलरी में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। उन्होंने ट्रस्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ट्रस्ट का उद्देश्य है कि राम मंदिर में तैनात पुजारियों और सेवादारों को सरकारी कर्मचारियों के समान सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं। आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस योजना के तहत, उन्हें और उनके सहयोगियों को वेतन और अन्य लाभ में सुधार मिलेगा, जो उनके समर्पण और मेहनत को मान्यता देने का एक तरीका है। इस कदम से उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और उनकी सेवा के प्रति सम्मान और प्रेरणा भी बढ़ेगी।

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