ख़बर रफ़्तार, कोटद्वार: ‘हैलो आपका बेटा हास्टल में रहकर पढ़ाई करता है ना। वह अपने कुछ दोस्तों के साथ स्कूटी से हाईवे पर सफर कर रहा था और उसका एक्सीडेंट हो गया है। यदि इसे अस्पताल में भर्ती करवाना है तो तुरंत हमारे बैंक अकाउंट में पैसे भेज दो।’
इमोशनल तरीके से ठगी कर रहे ठग
समय के साथ साइबर ठगों ने भी ठगी का तरीका बदल दिया है। पूर्व में वह बैंक अधिकारी बन उपभोक्ताओं को एटीएम की वैधता खत्म होने के नाम पर ठगते थे। लेकिन, अब वह इमोशनल तरीके से ठगी कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व ग्रास्टनगंज निवासी राजन के वाट्सएप पर एक काल आई।
काल करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह देहरादून से पुलिस अधिकारी बोल रहा है। उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ मसूरी रोड पर जा रहा था, जिसका रास्ते में एक्सीडेंट हो गया है। बच्चे के सिर पर चोट आई है और वह उसे लेकर अस्पताल जा रहा है। अस्पताल में बच्चे को बेहतर उपचार मिले इसके लिए वह उनके खाते में दस हजार रुपये डलवा दें।
बच्चे के एक्सीटेंड की खबर सुनते ही राजन के पैरों तले जमीन खिसक गई। हालांकि उन्होंने तुरंत बेटे के मोबाइल नंबर पर काल की तो पता चला कि बेटा देहरादून स्थित हास्टल में सुरक्षित है। इसी तरह साइबर अपराधी लगातार उन अभिभावकों को ठग रहे हैं, जिनके अन्य शहरों में पढ़ाई कर रहे हैं।
यही नहीं, साइबर ठग जिस वाट्सएप नंबर से काल करते है, उस पर वर्दी पहने पुलिस अधिकारी की ही फोटो होती है। कोटद्वार पुलिस के पास भी लगातार इस तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं।
जेल भेजने के नाम पर ठगी
साइबर अपराधी बच्चों को आपराधिक घटनाओं में शामिल होने की बात कहकर भी अभिभावकों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। भाबर निवासी एक व्यक्ति का बेटा देहरादून में पढ़ाई करता है। कुछ दिन पूर्व उनका बेटा छुट्टी लेकर घर आया हुआ था। बेटा जब पिता के समीप ही बैठा हुआ था तो उन्हे वाट्सएप पर एक काल आई।
काल करने वाले ने बताया कि उनका बेटा देहरादून में किसी आपराधिक घटना में पकड़ा गया है। यदि वह चाहते हैं कि बेटे को जेल न हो तो इसके लिए वह उसके खाते में 25 हजार रुपये डलवा दें। बेटा समीप ही बैठा हुआ था इसलिए व्यक्ति को समझने में देरी न हुई कि यह साइबर ठग का काल है।
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