ख़बर रफ़्तार, देहरादूनः उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के गंभीर शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (कंपलसरी रिटायरमेंट) देने का निर्णय लिया है. दरअसल, प्रदेश के कई शिक्षक गंभीर रूप से बीमार हैं, जिसके चलते वह अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी गंभीर शिक्षकों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दी जाएगी.
गुरुवार को शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा के तहत शैक्षणिक संवर्ग का नया त्रि-स्तरीय ढांचा बनाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही गंभीर रूप से शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने, नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) का नया ढांचा बनाने और अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर्स) का मानदेय बढ़ाने के निर्देश दिए.
तीन श्रेणियों में शिक्षक
बैठक के दौरान मंत्री ने अधिकारियों को शिक्षक संगठनों के साथ बातचीत कर विद्यालयी शिक्षा के तहत प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक शैक्षणिक संवर्ग का त्रि-स्तरीय ढांचा तैयार करने के निर्देश दिये. जिसके तहत अब शैक्षणिक संवर्ग में शिक्षकों की तीन श्रेणियां पीआरटी (प्राथमिक शिक्षक), टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) और पीजीटी (स्नातकोत्तर शिक्षक) होंगी. विभाग के तहत जो शिक्षक गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं उनके स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों की जांच कर वास्तविक रूप से गंभीर बीमार शिक्षकों को चिन्हित कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति (कंपलसरी रिटायरमेंट) देने का निर्णय लिया गया है.
साथ ही विद्यालयी शिक्षा के तहत कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर्स) का मानदेय बढ़ाकर राजीव नवोदय विद्यालयों के अतिथि शिक्षकों के बराबर करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द शासन को देने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए हैं. इसी क्रम में एससीईआरटी के तहत शैक्षणिक संवर्ग के ढांचे का पुनर्गठन कर 153 पदों की जगह 108 पदों का ढांचा तैयार करने संबंधित प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. राज्य के पांच मॉडल डायटों का फिर से आकलन कर भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिए गए हैं. तमाम जिलों से प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के वित्तीय सहायोग संबंधी प्रस्तावों के सापेक्ष टोकन मनी दिए जाने संबंधी प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है.
चतुर्थ श्रेणी के पदों पर होगी भर्तियां
इसी तरह पीएम-श्री विद्यालयों को आवंटित धनराशि खर्च न करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के साथ ही डी(D) और सी(C) श्रेणी के विद्यालयों का डीपीआर तैयार कर जल्द से जल्द शासन को सौंपने के भी निर्देश दिए हैं. चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए सेवा योजना विभाग के रोजगार प्रयाग पोर्टल से छूट देने और आउटसोर्स एजेंसी का चयन ई-टेंडरिंग से करने का भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. प्रशासनिक आधार पर किए गए शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों का बेवजह ट्रांसफर न किए जाने का भी निर्णय लिया गया है.
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