ख़बर रफ़्तार, संभल: संभल में हुए बवाल के एक साल पूरा होने पर पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। शोक और जश्न पर पुलिस की निगरानी है। आपत्तिजनक पोस्ट करने पर कार्रवाई होगी। 24 नवंबर को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान बवाल हुआ था। एसपी समेत 28 पुलिसकर्मी और एसडीएम घायल हुए थे।
सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज से चेहरों का मिलान किया गया। इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। वहीं, दूसरी ओर जो आरोपी फुटेज में आए लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी तो पोस्टर भी चस्पा किए। उन आरोपियों का सुराग एक वर्ष बाद भी नहीं लगा। पुलिस ने दूसरे जिले में भी इन आरोपियों के पोस्टर भेजे लेकिन वह पकड़े नहीं गए। उनकी पहचान अब तक नहीं हुई है। पुलिस की तलाश जारी है।
इनकी लोगों की गई है जान
मोहल्ला कोट तवेला निवासी नईम (35)
फतेहऊनला सराय निवासी बिलाल (22)
हयातनगर निवासी रोमान (40)
तुर्तीपुर इला निवासी कैफ (19) और कोट गर्वी निवासी अयान (19)
मोहल्ला कोट तवेला निवासी नईम (35)
फतेहऊनला सराय निवासी बिलाल (22)
हयातनगर निवासी रोमान (40)
तुर्तीपुर इला निवासी कैफ (19) और कोट गर्वी निवासी अयान (19)
न्यायिक जांच आयोग के दौरे
पहला दौरा : 1 दिसंबर 2024 बवाल के इलाके का निरीक्षण और शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण किया।
दूसरा दौरा : 21 जनवरी 2025 आयोग द्वारा 51 लोगों के बयान दर्ज किए गए
तीसरा दौरा : 30 जनवरी 2025 सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के बयान दर्ज किए।
चौथा दौरा :28 फरवरी 2025 45 लोगों के बयान दर्ज किए। इसमें डीएम और एसडीएम भी शामिल रहे।
पहला दौरा : 1 दिसंबर 2024 बवाल के इलाके का निरीक्षण और शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण किया।
दूसरा दौरा : 21 जनवरी 2025 आयोग द्वारा 51 लोगों के बयान दर्ज किए गए
तीसरा दौरा : 30 जनवरी 2025 सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के बयान दर्ज किए।
चौथा दौरा :28 फरवरी 2025 45 लोगों के बयान दर्ज किए। इसमें डीएम और एसडीएम भी शामिल रहे।
सांसद, जामा मस्जिद सदर और शारिक साटा पर बवाल की साजिश का आरोप
सपा के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली व हिस्ट्रीशीटर शारिक साटा एसआईटी की जांच में बवाल की साजिश रचने के आरोपी माने गए हैं। पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। जफर अली की गिरफ्तारी हो चुकी है। वह फिलहाल जमानत पर हैं। सांसद को हाईकोर्ट से स्टे है और शारिक साटा देश छोड़कर भागा हुआ है। उसके तीन गुर्गे मुल्ला अफरोज, गुलाम और वारिस जेल में बंद हैं।
सपा के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली व हिस्ट्रीशीटर शारिक साटा एसआईटी की जांच में बवाल की साजिश रचने के आरोपी माने गए हैं। पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। जफर अली की गिरफ्तारी हो चुकी है। वह फिलहाल जमानत पर हैं। सांसद को हाईकोर्ट से स्टे है और शारिक साटा देश छोड़कर भागा हुआ है। उसके तीन गुर्गे मुल्ला अफरोज, गुलाम और वारिस जेल में बंद हैं।
इन्हीं गुर्गों ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया था कि विदेशी कारतूस और हथियार शारिक साटा ने उपलब्ध कराए थे। इन्हीं हथियारों से गोली चलाई थी। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि पुलिस ने हत्या के चार मामले दर्ज किए थे। एक मृतक के परिजनों ने बिना किसी कार्रवाई के सुपुर्द ए खाक कर दिया था।
ड्रोन से भी की जा रही निगरानी
शहर में चौकसी बरती जा रही है। पुलिस के साथ पीएसी और आरआरएफ को लगाया गया है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए टीम को एक्टिव किया गया है। अगर किसी ने बवाल को लेकर शोक या जश्न जैसे आपत्तिजनक पोस्ट की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शहर में चौकसी बरती जा रही है। पुलिस के साथ पीएसी और आरआरएफ को लगाया गया है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए टीम को एक्टिव किया गया है। अगर किसी ने बवाल को लेकर शोक या जश्न जैसे आपत्तिजनक पोस्ट की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।




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