ख़बर रफ़्तार, देहरादून: चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को हरिद्वार और ऋषिकेश से होते हुए यात्रा रोड पर पड़ने वाले तकरीबन 29 छोटे और बड़े शहरों से होते हुए चारधाम तक पहुंचना होता है. इस दौरान कई ऐसे छोटे कस्बे भी यात्रा रूट के बीच में पड़ते हैं, जहां की संख्या सैकड़ों में है, लेकिन वहां से लाखों यात्री गुजरते हैं. ऐसे में यात्रा रोड पर पड़ने वाले इन तमाम छोटे-बड़े शहरों में यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं शहरी विकास की ओर से की जा रही हैं, इस संबंध में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ईटीवी भारत के साथ जानकारी साझा की.
चारधाम यात्रा पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु
बता दें कि उत्तराखंड में 10 मई से चारधाम यात्रा शुरुआत हो चुकी है. 16 मई को चारधाम यात्रा को एक सप्ताह पूरा हो चुका है. इस एक सप्ताह में चारधाम यात्रा के रुझान की तुलना पिछले सीजन की यात्रा से की जाए, तो चारधाम यात्रा 2023 के पहले हफ्ते में ढाई लाख श्रद्धालु उत्तराखंड आए थे, जबकि इस बार चारधाम यात्रा 2024 में एक सप्ताह में सरकारी आंकड़े के अनुसार तकरीबन चार लाख यात्रियों ने चारधाम का रुख किया है. जिससे इस बार के यात्रा सीजन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में 60 फीसदी वृद्धि हुई है.
यात्रा मार्ग पर पेयजल और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि उनके द्वारा यात्रा रोड पर पड़ने वाले सभी शहरों में पेयजल, सीवरेज और स्ट्रीट लाइट सहित सभी व्यवस्थाओं के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं. लोकसभा चुनाव के चलते प्रदेश में लागू आचार संहिता के बीच में भी शहरी विकास विभाग द्वारा निर्वाचन विभाग से अनुमति लेकर चारधाम यात्रा रूट पर व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के लिए सभी 29 निकायों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की गई थी. इसी बीच उन्हें सख्त निर्देश दिए गए कि सभी निकायों में तीन टाइम सफाई और शौचालय की व्यवस्था की जाए. साथ ही दिव्यांगों के लिए भी शौचालय का प्रबंध किया जाए. रात के समय स्ट्रीट लाइट खराब ना हों, इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं.
अधिकारियों का फोन ना हो स्विच ऑफ
प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि उनके द्वारा सभी 29 निकायों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह यात्रा के दौरान अपने कार्यालय और अपने क्षेत्र में हमेशा उपलब्ध हों, क्योंकि इस दौरान अधिकारी और कर्मचारियों की 24 घंटे की ड्यूटी है. उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी और कर्मचारी का फोन स्विच ऑफ ना हो, इसको लेकर भी सख्त निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए सभी निकायों में साइन बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि यात्रियों को अपना रास्ता मिलने में मदद मिल सके.
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