ख़बर रफ़्तार, श्रीनगर: भतीजी से दुष्कर्म के दोषी चाचा को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) पौड़ी की अदालत ने यह फैसला सुनाया है. अदालत ने 15 वर्षीय भतीजी से दुष्कर्म के आरोपी चाचा को दोषी करार दिया था. अदालत ने दोषी चाचा को दुष्कर्म और पॉक्सो में 20-20 साल के सश्रम कारावास की सजा और 40 हजार का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड जमा नहीं किए जाने पर दोषी को छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. राज्य सरकार को अदालत ने बच्चे और पीड़िता को तीन लाख का प्रतिकर दिए जाने का आदेश भी दिया है.
दुष्कर्मी चाचा को 20-20 साल की जेल
जनपद पौड़ी के कोतवाली क्षेत्र कोटद्वार स्थित एक वार्ड निवासी व्यक्ति ने बीते 6 दिसंबर 2022 को पुलिस को एक तहरीर सौंपी थी. व्यक्ति ने में बताया था कि बीते 5 दिसंबर 2022 को उनकी 15 वर्षीय बेटी की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जहां बेटी के गर्भवती होने की पुष्टि हुई. साथ ही उसने एक नवजात को जन्म भी दिया. पूछताछ में बेटी ने बताया कि रिश्ते में चाचा ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए थे. व्यक्ति की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी चाचा के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. पुलिस ने आरोपी को 3 जनवरी 2023 को गिरफ्तार कर अदालत के आदेश पर जिला कारागार खांड्यूसैंण भेज दिया था.
विशेष लोक अभियोजक विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) पौड़ी अजय चौधरी की अदालत ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में डीएनए मिलान होने, गवाहों के बयान और साक्ष्यों का अवलोकन कर चाचा को भतीजी के साथ दुष्कर्म का दोषी पाया था. उन्होंने बताया कि अदालत ने दोषी चाचा को दुष्कर्म और पॉक्सो में 20-20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 40 हजार का अर्थदंड लगाया है. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि राज्य सरकार को अदालत ने तीन लाख का प्रतिकर दिए जाने का आदेश दिया है. इसमें 2 लाख बच्चे के पालन-पोषण और 1 लाख पीड़िता को प्रदान किया जाएगा.
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