खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नीट-यूजी 2025 में शामिल तीन प्रश्नों में “गंभीर खामियां” थीं।
न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील को इस मामले में संबंधित हाई कोर्ट में जाने की सलाह दी। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन करती है, जो देशभर के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अनिवार्य है। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया, “तीन प्रश्न पूरी तरह गलत थे। मैंने दो विशेषज्ञों से राय ली, जिन्होंने मेरे दावे का समर्थन किया और इसे सही ठहराया।”
हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं
वकील ने कहा कि इन तीन प्रश्नों की वजह से याचिकाकर्ता के 13 अंक प्रभावित हो रहे थे। पीठ ने जवाब दिया कि परीक्षा पहले ही हो चुकी है। पीठ ने कहा, “आप इस याचिका को वापस लें और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं। हम आपके लिए सभी रास्ते बंद नहीं करना चाहते।”
याचिकाकर्ता के वकील ने अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट एक विशेषज्ञ समिति गठित करे, जो तीन दिनों में इन प्रश्नों पर अपनी रिपोर्ट दे सकती है। उन्होंने कहा कि कोर्ट इस रिपोर्ट के आधार पर फैसला ले सकता है। हालांकि, पीठ ने इस याचिका पर विचार करने में कोई रुचि नहीं दिखाई, जिसके बाद वकील ने याचिका वापस ले ली। इससे पहले, चार जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य याचिका पर सुनवाई से इनकार किया था, जिसमें नीट-यूजी 2025 के परिणामों को एक प्रश्न में कथित गलती के आधार पर चुनौती दी गई थी।
+ There are no comments
Add yours