12.8 C
London
Saturday, July 27, 2024
spot_img

मानव वन्यजीव संघर्ष को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त, प्रमुख वन सचिव को किया तलब

ख़बर रफ़्तार, नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज मानव वन्य जीव संघर्ष के मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सरकार के इस मामले को लेकर निष्क्रिय व्यवहार पर सख्त टिप्पणी की। खंडपीठ की अगुवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायाधीश अलोक वर्मा ने की।

उन्होंने अपने हाल ही के आदेश में यह बात स्पष्ट की थी कि मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम करने के लिए दिए गए पूर्व दिशा निर्देशों पर सरकार ने कोई कार्यवाई नहीं की है। कोर्ट ने कार्रवाई के लिए अंतिम अवसर देते हुए सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है। साथ ही प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु को हाईकोर्ट में तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 14 जून 2023 को होगी।

  • ये है पूरा मामला

बता दें कि देहरादून निवासी अनु पंत की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी। नवंबर 2022 में जब इस मामले की सुनवाई हुई थी तब हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव वन को दिशा निर्देश दिए थे कि मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करें, जिनको जमीनी हकीकत और असल में धरातल पर काम करने का तजुर्बा हो। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल की ओर से दाखिल शपथपत्र में केवल कागजी कार्रवाई का उल्लेख था और धरातल पर स्थिति सुधारने के लिए किस तरीके से मानव वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सकता है, इसकी कोई रुपरेखा नहीं थी।

दोबारा जब मामले की सुनवाई हुई तब सरकार की ओर से खुद ही हाईकोर्ट को यह बताया गया कि कोर्ट के पूर्व के इस आदेश की अनुपालना नहीं हुई है जिसमे समिति गठित करने के लिए कहा गया था। इसके लिए सरकार की ओर से और समय मांगा गया था । मामले में गंभीर टिपणी करते हुए कार्यवाई के लिए हाईकोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह का समय दिया था।

- Advertisement -spot_imgspot_img
Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here