ख़बर रफ़्तार, देहरादून: देवभूमि में चारधाम की भांति अब मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं क्षेत्र के तीर्थाटन, पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों को संवारने के लिए सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है।
26 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने किए चारधाम के दर्शन
केदारखंड में चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों की यात्रा प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस वर्ष अब तक 26 लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। चारधाम यात्रा की तरह ही मानसखंड यानी कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों को भी तीर्थाटन व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के उद्देश्य से सरकार ने मानसखंड मंदिर माला मिशन शुरू किया है। इसकी जिम्मेदारी यूटीडीबी (उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड) को सौंपी गई है। जिसके प्रथम चरण में 16 मंदिरों को मिशन में शामिल किया गया है।
अब इनमें यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत अवस्थापना संबंधी कार्य तेजी से कराने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में बोर्ड ने नौ मंदिरों में होने वाले विभिन्न कार्यों के लिए 70 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया है। इनमें से प्रथम किस्त के तौर पर 30.12 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। निर्माण कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। लोनिवि ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ये होंगे निर्माण कार्य
मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत सभी मंदिरों में पार्किंग, रोशनी, सुंदरीकरण, आस्था पथ का निर्माण, पहुंच मार्गों का सुंदृढ़ीकरण सहित कई कार्य कराए जाएंगे। वहीं कैंचीधाम में मल्टीलेवल पार्किंग बनेगी। इसके अलावा मंदिर के प्रवेश द्वार पर वन-वे व्यवस्था होगी। मंदिर में पीछे की तरफ निकासी द्वार बनेगा, जो सीधे पार्किंग से जुड़ेगा। इससे वहां उमड़ने वाली भीड़ भी नियंत्रित रहेगी।
इन मंदिरों का होगा कायाकल्प
मंदिर —— जिला ——– लागत
जागेश्वर धाम – अल्मोड़ा — 11 करोड़
बैजनाथ — बागेश्वर — 1.87 करोड़
नैना देवी — नैनीताल — 11 करोड़
कैंची धाम — नैनीताल — 28.15 करोड़
पाताल रुद्रेश्वर – चंपावत — 2.31 करोड़
पाताल भुवनेश्वर – पिथौरागढ़ —- 2.43 करोड़
हाटकालिका मंदिर – पिथौरागढ़ — 6.58 करोड़
मां बाराही देवी — चंपावत — 12.54 करोड़
नंदा देवी मंदिर — अल्मोड़ा — 04 करोड़
मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल नौ मंदिरों के विकास के लिए 30.12 करोड़ रुपये बजट जारी हुआ है। जल्द ही सभी मंदिरों में निर्माण कार्य शुरू होंगे। कैंचीधाम में हेलीपैड बनाने की संभावना भी तलाशी जा रही है।– सुरेंद्र सिंह सामंत, वरिष्ठ शोध अधिकारी, यूटीडीबी
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