ख़बर रफ़्तार, चंडीगढ़ : जालंधर-अमृतसर नेशनल हाइवे के किनारे करतारपुर में बनाई गई जंग-ए-आजादी यादगार के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर पंजाब विजिलेंस ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की है।
मामले में एक पंजाबी अखबार के संपादक एवं जंग-ए-आजादी के निर्माण कमेटी के अध्यक्ष बरजिंदर सिंह हमदर्द, आइएएस अधिकारी विनय बबलानी सहित 26 के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है।
मामले में 15 आरोपितों को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। विजिलेंस जांच के बाद यह कार्रवाई की गई। जांच में सामने आया है कि सरकार को 27 करोड़ 23 लाख 62 हजार 615 रुपए का वित्तीय नुकसान पहुंचाया है।
जंग-ए-आजादी प्रोजेक्ट का जो काम अधूरा पड़ा है। इसके अलावा जंग-ए-आजादी में लगभग 14 करोड़ रुपए की लागत के साथ लगाया गया लेजर शो 2020 से बंद पड़ा है।
उधर इस मामले में शिरोमणि अकाली दल, भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक से प्रेरित बताते हुए राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिख मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। इस मामले को प्रेस की आजादी पर हमला बताया है। ध्यान रहे कि राज्य सरकार की ओर से कुछ माह पहले ही इस मामले की जांच शुरू की गई थी।
इन आरोपितों को किया गया गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपितों में दीपक बिल्डर्स के मालिक दीपक कुमार सिंगल निवासी राजगुरु नगर लुधियाना, रिटायर चीफ इंजीनियर अरविंदर सिंह निवासी चंडीगढ़, पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन एक्सइएन (रिटा. चीफ इंजीनियर) तेजराम कथूरिया निवासी जालंधर, पीडब्ल्यूडी जेइ (रिट.एसडीओ) राजीव कुमार अरोड़ा निवासी पंचकूला, पीडब्ल्यूडी, बीएंडआर जेइ रोहित कुमार निवासी जालंधर, एक्सइएन रघुविंदर सिंह निवासी मोहाली, एक्सइएन संतोखराज निवासी अमृतसर, एसडीओ हरपाल सिंह निवासी लुधियाना।
एक्सइएन अर्जुन निवासी जालंधर, जेई हरप्रीत सिंह निवासी गांव जलाल भुलाना जिला कपूरथला, जेइ मनदीप सिंह निवासी अर्बन एस्टेट जालंधर, वॉटर सप्लाई और सेनिटेशन विभाग एक्सइएन एनपी सिंह निवासी छोटी बारांदरी जालंधर, एसडीओ, वॉटर सप्लाई और सेनिटेशन विभाग जालंधर रजत गोपाल निवासी गोपाल पार्क कपूरथला, जेइ वॉटर सप्लाई और सेनिटेशन विभाग गौरवदीप निवासी मास्टर तारा सिंह नगर जालंधर और जेइ वॉटर सप्लाई और सेनिटेशन विभागरोहित कौंडल निवासी मधूवन कालोनी, कपूरथला को गिरफ्तार किया गया है।
जांच में यह आया सामने
विजिलेंस जांच में पता चला की जंग-ए-आजादी के निर्माण का नक्शा तैयार करने के लिए राज रवेल मास्टर टेक्निकल कंस्लटेंट को करीब 6 करोड़ और इडीसी, क्रिएटिव टेक्नोलॉजी सोल्यूशन लिमिटेड को करीब 3 करोड़ रुपए दिए गए थे। बरजिंदर सिंह हमदर्द और विनय बबलानी ने असली बिलों को अनदेखा कर उक्त दोनों कंसलटेंट्स के साथ शेड्यूल आईटम्स स्वीकृत कर दी।
जैसे कि जंग-ए-आज़ादी में बनने वाले 6 गुबंदों को आरसीसी. स्ट्रक्चर की बजाय स्टील स्ट्रक्चर में बनाकर करोड़ों रुपए वसूल कर लिए स्टोन क्लेडिंग के काम के लिए हिल्टी क्रैंप्स का प्रयोग, शटरिंग की आइटम को नान-शेड्यूल आइटम बनाकर अधिक रेट देकर करोड़ों रुपए अतिरिक्त अदायगी ठेकेदार को दी गई।
इसके अलावा दीपक बिल्डर्स ने प्राइमरी स्टील बरजिंदर सिंह हमदर्द और विनय बबलानी सीईओ की शह पर बिना कार्यकारी समिति की मंजूरी के माह अप्रैल 2015 से प्राइमरी स्टील (टाटा स्टील) खरीद करना शुरू कर दिया। बरजिंदर सिंह हमदर्द प्रधान और विनय बुबलानी ने कार्यकारी समिति की मीटिंग में करीब तीन महीने बाद दीपक बिल्डर को प्राइमरी स्टील के नाम पर टाटा स्टील खरीदने की मंजूरी देकर करोड़ों रुपए की अदायगी कर दी।
प्लान के मुताबिक नहीं हुआ निर्माण
जंग-ए-आजादी यादगार के निर्माण एमटीसी राज रावेल और म्युजियम कंसलटेंट, इडीसी क्रीएविट टेक्नोलोजी सोल्यूशन के प्लान मुताबिक नहीं हुई। एमटीसी राज रावेल द्वारा तैयार किये गए बिलों में सिविल की कुल 235 आइटमों में से 103 आइटमों को बिल टेंडर को अनदेखा कर नान शेड्यूल कर ठेकेदार दीपक बिल्डर को करोड़ों रुपए का अतिरिक्त वित्तीय लाभ दिया गया।
इस पैसे से बनाए जाने वाले निर्माण जैसे कि 10 प्रतिमाएं, पहली मंजिल पर स्थित 04 गैलरियां, मेमोरियल आइकन, फूड कोर्ट, एटरियम आदि आज भी अधूरे पड़े हुए हैं।
इसके अलावा बरजिन्दर सिंह हमदर्द जो कि मैनेजमेंट कमेटी का भी प्रधान था ने करीब 14 करोड़ की लागत के साथ लेजर शो बनाया था, जो कि साल 2020 से बंद पड़ा है, जिससे सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ है। यह इमारत बिलों और डीएनआईटी टैंडर के मुताबिक अभी भी मुकम्मल तौर पर तैयार नहीं हुई।
27 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
जंग-ए-आज़ादी प्रोजेक्ट के कार्यों का अलग-अलग टेक्निकल टीमों से विचार करवाया गया, जिनके द्वारा दी गई रिपोर्ट के मुताबिक ठेकेदारों को अतिरिक्त अदायगी करके सीधे तौर पर की और सरकार को 27 करोड़ 23 लाख 62 हजार 615 रुपए का वित्तीय नुकसान पहुंचाया है। जंग-ए-आजादी प्रोजेक्ट का जो काम अधूरा पड़ा है।
इसके अलावा जंग-ए-आजादी में लगभग 14 करोड़ रुपए की लागत के साथ लगाया गया लेजर शो 2020 से बंद पाया गया और बरजिन्दर सिंह हमदर्द प्रशासनिक समिति के प्रधान थे, परन्तु उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और इस लेजर शो को बंद रखा, जिससे सरकार का वित्तीय नुकसान हुआ।
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