ख़बर रफ़्तार, ऋषिकेश: एम्स में अब तक तीन मरीजों का सफलतापूर्वक किडनी प्रत्यारोपण हो चुका है। एम्स दिल्ली के सहयोग से ट्रांसप्लांट के इन तीनों मामलों में दानदाता और मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं। रविवार को एम्स में आयोजित कार्यक्रम में तीनों किडनी दानदाताओं और मरीजों ने अपने अनुभव साझा किए। साथ ही दूसरे लोगों को भी अंगदान के लिए प्रेरित किया।
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डीन अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आरबी कालिया ने अव्वल प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए। यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर मित्तल, यूरोलॉजी विभाग के प्रो. अरूप कुमार मंडल, डॉ. विकास पंवार, नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. शेरोन कंडारी ने संस्थान में तीन सफल गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए ग्रसित रोगियों और उनके डोनर्स को भी संस्थान की ओर से सम्मानित किया।
केस-1
कुमाऊं निवासी मरीज विक्रम नेगी ने बताया कि एम्स में चिकित्सकों की ओर से किडनी प्रत्यारोपण कराने के सुझाव के बाद वह कई तरह की शंकाओं से घिरे हुए थे। उनके मन में सवाल था कि किडनी प्रत्यारोपण का क्या परिणाम रहेगा। परिजन से किडनी देने के बाद क्या मैं ठीक हो सकूंगा। जब किडनी ट्रांसप्लांट की जांच प्रक्रिया पूरी हुई और चिकित्सकों ने भरोसा दिलाया कि वह फिर से स्वस्थ जीवन जी सकेंगे तो मन में उम्मीद की किरण जगी। विक्रम के पिता लक्ष्मण सिंह नेगी बताया कि उनके मन में अपने पुत्र को किडनी डोनेट करने के दौरान कोई सवाल नहीं था। इसलिए संपूर्ण उपचार प्रक्रिया के दौरान वह घर नहीं लौटे। उन्हें इस सफलता पर पूरा भरोसा था। आखिर चिकित्सकों के अथक प्रयासों और प्रोत्साहन से यह कामयाबी हासिल हुई और पुत्र को नया जीवन मिला।
केस-2
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