ख़बर रफ़्तार, हल्द्वानी: अपने प्रेमी को सांप से डसवाने वाली प्रेमिका को जमानत मिल गई है. हल्द्वानी के चर्चित अंकित चौहान हत्याकांड की मुख्य आरोपी माही उर्फ डॉली जमानत के बाद अब जेल से बाहर आ गई है. लेकिन हत्या में अभी भी शामिल सपेरे समेत चार लोग सलाखों के पीछे हैं. माही पर अपने प्रेमी अंकित को सांप से डसवाकर मारने का आरोप है. पुलिस की ओर से साक्ष्य के रूप में पेश की गई सीसीटीवी फुटेज में अन्य आरोपी तो नजर आए, लेकिन माही नहीं दिखी और यही माही की जमानत की वजह बनी.
कार में मिला था अंकित का शव
इस हत्याकांड में शामिल हल्दूचौड़ निवासी दीप कांडपाल, भोजीपुरा बरेली निवासी सपेरा रमेश नाथ, हैदरगंज पीलीभीत यूपी निवासी नौकर राम अवतार और उसकी पत्नी ऊषा देवी ने साथ दिया था, जो अभी जेल में बंद है. हल्द्वानी के होटल कारोबारी अंकित चौहान का शव 15 जुलाई 2023 की तीनपानी रेलवे क्रॉसिंग के पास उसकी कार की पिछली सीट पर मिला था.
अन्य लोगों ने भी घटना में दिया था साथ
अंकित की हत्या के मामले में शुरुआत में पुलिस घटना को हादसा मान रही थी, लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि मृतक के दोनों पैरों में सांप के डसने के निशान हैं. पीएम रिपोर्ट से साफ हो गया कि कोबरा के जहर से अंकित की मौत हुई है. इसके बाद पुलिस ने प्रेमिका माही, माही की नौकरानी ऊषा, नौकरानी के पति राम अवतार, सपेरे रमेशनाथ और दीप कांडपाल नाम के युवक को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया था.
पुलिस की पूछताछ में आरोपी माही ने बताया था कि उसका पूर्व प्रेमी अंकित चौहान से साल 2020 में दोस्ती हुई थी. जिसके बाद से दोनों रिलेशनशिप में थे. दोनों में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, तभी माही की लाइफ में दीप कांडपाल एंट्री होती है. दीप कांडपाल की माही की दोस्ती हो गई. लेकिन माही और दीप कांडपाल की दोस्ती अंकित को नागवार गुजरी. वहीं माही और अंकित का विवाद होने लगा. जिसके बाद माही और दीपक ने मिलकर अंकित चौहान की हत्या की साजिश रची.
कोबरा सांप से डसवाकर ली अंकित जान
साजिश के तहत माही ने अपनी पूर्व प्रेमी अंकित चौहान को अपने घर बुलाया. माही ने जहां अंकित को शराब में नशीली गोली डालकर पिला दी, जिससे अंकित बेहोश हो गया. इसके बाद कोबरा से अंकित को डसवाया दिया गया और उसकी मौत हो गई. माही और दीप कांडपाल ने अंकित को कोबरा से इसलिए डसवावा, ताकि उसकी मौत नेचुरल लगे. वहीं घटना को अंजाम देने के बाद लाश को ठिकाने लगाया गया. घटना के बाद दोनों फरार चल रहे थे. दोनों हाईकोर्ट के वकील में संपर्क में थे. ताकि, आसानी से जमानत ले सके, लेकिन दोनों आरोपियों को पुलिस ने रुद्रपुर से गिरफ्तार किया था.
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