कानपुर: एकता हत्याकांड, जांच करने स्टेट मेडिकोलीगल सेल की टीम आई, जहां दफनाई लाश वहां की उठाई मिट्टी

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खबर रफ़्तार, कानपुर: एकता गुप्ता हत्याकांड की परतें खोलने के लिए स्टेट मेडिकोलीगल सेल की टीम जांच करने डीएम कंपाउंड पहुंची। डीएम कंपाउंड में जहां एकता का शव दफनाया गया था, वहां के मिट्टी के नमूने लिए। उससे पहले टीम ने कोतवाली में कई घंटे तक एकता गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व दस्तावेजों का गहनता से अध्ययन किया। खोपड़ी का ढांचा, हड्डियां व अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट को देखा। जबड़े के पास टूटी बोन की तस्वीर देखी। शाम को आफिसर्स क्लब पहुंची टीम ने शव दफनाए गए गड्डे से मिट्टी के कण एकत्र किए और लखनऊ के लिए रवाना हो गए।

सिविल लाइंस के गोपाल विहार निवासी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता 24 जून 2024 से लापता हुईं थीं। वह ग्रीनपार्क स्टेडियम स्थित जिम में व्यायाम करने जाती थीं। एकता के घर न लौटने पर राहुल ने जिम ट्रेनर विमल सोनी के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने घटना को गंभीरता से नहीं लिया। अचानक कई माह बाद 26 अक्तूबर को विमल की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि उसने एकता की हत्या कर शव डीएम कंपाउंड स्थित ऑफिसर्स क्लब में दफना दिया था।

डीएम कंपाउंड स्थित ऑफिसर्स क्लब से एकता का शव भी बरामद किया गया। पुलिस ने हत्यारोपी को जेल भेजा था लेकिन एकता की मौत की वजह का पता नहीं चल सका। न ही यह पता चल सका कि अति सुरक्षित डीएम कंपाउंड के अंदर ऑफिसर्स क्लब में शव ले जाकर आठ फुट गहरा गड्डा खोदकर कैसे दफना दिया गया जबकि वहां कड़ी सुरक्षा रहती है।

डीसीपी पूर्वी एसके सिंह ने बताया कि शुक्रवार को लखनऊ से स्टेट मेडिकोलीगल सेल की टीम आई और केस स्टडी करने के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार एकता गुप्ता हत्याकांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था, जिस कारण डॉक्टरों की टीम ने विसरा सुरक्षित रखा था।

मौत की वजह स्पष्ट नहीं

एकता गुप्ता हत्याकांड के खुलासे को भी करीब पांच माह बीत रहे हैं, लेकिन मौत की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है। यही कारण है कि पुलिस ने स्टेट मेडिकोलीगल सेल की मदद ली है। एसीपी कोतवाली ने स्टेट मेडिकोलीगल सेल को पत्र लिखा था। यही गुत्थी सुलझाने के लिए स्टेट मेडिकोलीगल टीम शहर आई और साक्ष्य एकत्र किए। एकता का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से भी बात की जा सकती है।

स्टेट मेडिकोलीगल टीम लखनऊ से आई थी। टीम ने कोतवाली में कई घंटे साक्ष्य एकत्र किए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखा। इससे आरोपी को सजा दिलाने में भी मदद मिलेगी।

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