किसानों की आय दोगुना करने के प्रयास में जुटी सरकार, परिवहन निगम की बसों में फल-सब्जी लाने पर आधा होगा भाड़ा

खबरे शेयर करे -

खबर रफ़्तार, देहरादून: प्रदेश में किसानों की आय दोगुना करने के प्रयासों में जुटी सरकार अब उन्हें एक बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। आने वाले दिनों में परिवहन निगम की बसों से फल-सब्जी उत्पाद लाने पर किसानों को आधा भाड़ा देना होगा। इसके लिए गंभीरता से मंथन चल रहा है। इस पहल से मंडियों में किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर दाम मिलेगा। साथ ही उपभोक्ताओं को भी ताजे फल-सब्जियां उपलब्ध हो सकेंगे।

बिचौलियों के हाथों कम दामों में बेचने पर विवश

पर्वतीय क्षेत्र के फल-सब्जी उत्पादक किसानों को अपने उत्पाद मंडियों तक पहुंचाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। बड़े किसान तो अपने वाहनों से उत्पादों को लेकर मंडी तक पहुंच जाते हैं, जबकि छोटे किसानों के सामने इसकी समस्या रहती है। ऐसे में उन्हें बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों पर फल-सब्जी उत्पाद बेचने को विवश होना पड़ता है।

यह भी पढ़ें..

भाड़ा आधा करने की दिशा में योजना पर चल रहा है कार्य

हाल में कुछ किसानों ने कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से मुलाकात में यह विषय रखा था। साथ ही ऐसी व्यवस्था बनाने का आग्रह किया, जिससे छोटे किसान भी आसानी से मंडी तक अपने उत्पादों काे पहुंचा सकें। इसे देखते हुए ही मंत्री जोशी के निर्देश पर परिवहन निगम की बसों में किसानों को फल-सब्जी उत्पादों के परिवहन में लिया जाने वाला भाड़ा आधा करने की दिशा में योजना तैयार करने का कार्य चल रहा है।

बागीचों से सड़क तक लगेगी ट्राली

इसके साथ ही बागीचों से फलों को सड़क तक पहुंचाने में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। विशेषकर दूरस्थ क्षेत्रों के उन गांवों में यह दिक्कत आती है, जो सड़क से काफी दूरी पर स्थित हैं। इसके लिए सरकार ने बागीचों से नजदीकी सड़क तक ट्राली लगवाने का निर्णय लिया है। इसकी कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। उत्पाद के सड़क तक पहुंचने पर किसान उसे परिवहन निगम की बसों से मंडी तक पहुंचा सकते हैं।

परिवहन निगम की बसों से फल-सब्जी लाने पर भाड़ा आधा करने का विचार है। शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता कर निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही फल-सब्जी उत्पाद गांवों में स्थित बागीचों व खेत से रोड हेड तक पहुंच सकें, इसके लिए ट्राली स्थापित करने का निश्चय किया गया है।

गणेश जोशी, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours