ख़बर रफ़्तार, रायपुर: राशन बचत घोटाले के मामले में हो रहे बार-बार के सत्यापन और अधिकारियों के खिलाफ उठ रहे सवालों ने खाद्य संचालनालय की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस बार 30 जून तक होने वाले सत्यापन में सही जानकारी सामने आएगी और दोषियों पर सत कार्रवाई की जाएगी। जबकि, पहले ही किए गए सत्यापन में विभाग ने भौतिक सत्यापन के बाद 14.03 लाख टन चावल, 33 हजार 729 क्विंटल शक्कर, 19 हजार 375 क्विंटल चना (CG PDS Scam) और 4 हजार 181 क्विंटल गुड का हिसाब नहीं मिला है। यह जानकारी खुद खाद्य संचालनालय ने 3 जून को प्रदेश के सभी खाद्य अधिकारियों को पत्र लिखकर विभागीय डाटा और भौतिक सत्यापन में पाई गई मात्रा का ब्योरा दिया है।
पिछले तीन साल में चौथी बार सत्यापन कराने के बावजूद 600 करोड़ रुपए के चावल, शक्कर, गुड़, और चने की बचत घोटाले का सिरा नहीं मिल पा रहा है। अब, एक बार फिर 30 जून तक जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य संचालनालय के अधिकारी, विधान सभा (CG PDS Scam) जांच समिति के सामने जाने से पहले खुद बेदाग बताने में जुटे हैं। विधानसभा जांच समिति के सभापति और सदस्यों ने भी इस संबंध में अधिकारियों के खिलाफ सत कार्रवाई की मांग की है।
गायब स्टॉक का मूल्य
गायब स्टॉक में 491 करोड़ रुपए का चावल, 13.82 करोड़ रुपए की शक्कर, 10.46 करोड़ रुपए का चना और 1.71 करोड़ का गुड़ शामिल हैं।
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