BCCI के कार्यवाहक अध्यक्ष बन सकते हैं राजीव शुक्ला, जानते हैं रोजर बिन्नी क्यों छोड़ सकते हैं पद

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खबर रफ़्तार, मुंबई: रोजर बिन्नी को अक्तूबर 2022 में बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। बिन्नी के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद भारत ने दो सीमित ओवर प्रारूप के आईसीसी टूर्नामेंट जीते। भारत ने आईसीसी टी20 विश्व कप 2024 और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 अपने नाम किया। हालांकि, अब राजीव शुक्ला को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया जा सकता है। आइए वजह जानते हैं…

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला जुलाई में बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष बन सकते हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। दरअसल, बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी 19 जुलाई को 70 वर्ष के हो जाएंगे।नियमानुसार बीसीसीआई अध्यक्ष की उम्र 70 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। 65 वर्षीय शुक्ला को तीन महीनों के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष की भूमिका मिल सकती है। सूत्रों ने बताया कि सितंबर में वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान राजीव शुक्ला बोर्ड के पूर्णकालिक अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़े हो सकते हैं।

रोजर बिन्नी को अक्तूबर 2022 में बीसीसीआई के 36वें अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की जगह ली थी। गांगुली ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। तब बिन्नी शीर्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे।

बिन्नी के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद भारत ने दो सीमित ओवर प्रारूप के आईसीसी टूर्नामेंट जीते। भारत ने आईसीसी टी20 विश्व कप 2024 और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 अपने नाम किया था। बिन्नी के अध्यक्ष रहते ऐतिहासिक महिला प्रीमियर लीग (WPL) की भी शुरुआत हुई। उनके अध्यक्ष रहते ही घरेलू क्रिकेट को बेहतर प्रोत्साहन मिला। खिलाड़ियों के वेतन में वृद्धि हुई और टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू टूर्नामेंटों में खिलवाने के लिए उचित और सख्त कदम उठाए गए।
1983 विश्व कप विजेता टीम के मुख्य खिलाड़ी रहे ऑलराउंडर बिन्नी ने 27 टेस्ट मैचों और 72 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने टेस्ट मैचों में 47 विकेट लिए और पांच अर्धशतकों की मदद से 830 रन बनाए। 72 वनडे मैचों में उन्होंने 77 विकेट लिए और एक अर्धशतक की मदद से 629 रन बनाए। भारत को पहला वनडे विश्व कप (1983) जिताने में उनका अहम योगदान था। 1983 विश्व कप में 18 विकेट लेकर वह भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे। बिन्नी इससे पहले बीसीसीआई चयन समिति के सदस्य के रूप में काम कर चुके हैं।

 

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