
खबर रफ़्तार, देहरादून: केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के अलावा उत्तराखंड को स्टेट नीड ग्रांट चाहिए।
16वें वित्त आयोग के सामने उत्तराखंड सरकार ने राज्य की आवश्यकता पर आधारित अनुदान (स्टेट नीड ग्रांट) का विषय प्रमुखता से उठाया। इस मसले को उठाने की वजह राजस्व घाटा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बाद से उत्तराखंड राजस्व घाटे से उबर चुका है। इसलिए आयोग उत्तराखंड को राजस्व घाटा अनुदान देने की सिफारिश नहीं करेगा।
इस घाटे की भरपाई करने के लिए सरकार अब स्टेट नीड ग्रांट पर जोर दे रही है। इसके लिए सचिव वित्त दिलीप जावलकर आयोग को मेमोरेंडम के अलावा अलग से एक और प्रस्तुति देंगे। आयोग ने भी सरकार से ऐसी अपेक्षा की है।
42000 करोड़ की स्टेट नीड ग्रांट चाहता है राज्य
15वें वित्त आयोग ने क्या तय किया
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