खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: हैदराबाद के सांसद ने कहा कि भारत एक रणनीतिक साझेदार है, इसलिए अमेरिकी धरती का यह दुरुपयोग भारत और भारतीयों को अस्वीकार्य है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार अपना विरोध दर्ज कराए और इस मुद्दे को अमेरिका के समक्ष मजबूती से उठाए।
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमेरिका की धरती से भारत के खिलाफ ताजा परमाणु धमकी की निंदा की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को इस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया देनी चाहिए। औवेसी ने संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मामले को लेकर तल्ख प्रतिक्रिया दी।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की परमाणु धमकी पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘पाकिस्तान के सेना प्रमुख के शब्द और उनकी धमकियां निंदनीय हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि यह अमेरिका की ओर से हो रहा है, जो भारत का रणनीतिक साझेदार है। वह एक ‘सड़कछाप आदमी’ की तरह बोल रहे हैं। हमें यह भी समझने की जरूरत है कि पाकिस्तानी सेना और उनके डीप स्टेट से लगातार खतरे को देखते हुए हमें अपना रक्षा बजट बढ़ाना होगा, ताकि हम तैयार रह सकें।’
इससे पहले ओवैसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘पाकिस्तानी सेना प्रमुख की भारत के खिलाफ धमकियां और भाषा निंदनीय हैं। उन्होंने अमेरिकी धरती से ऐसा किया, जिससे यह और भी बदतर हो जाता है। इस पर मोदी सरकार की ओर से राजनीतिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, न कि केवल विदेश मंत्रालय के बयान की।’
असीम मुनीर ने भारत को गीदड़भभकी दी थी
इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत को गीदड़भभकी दी थी। मुनीर ने कहा था कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोकने के लिए बांध बनाया तो हमारे पास मिसाइलों की कमी नहीं है। हम 10 मिसाइल मारकर बांध को उड़ा देंगे। अमेरिका के दौरे पर गए मुनीर ने यह धमकी फ्लोरिडा के टैम्पा में पाकिस्तानी मूल के कारोबारी अदनान असद की तरफ से रखे गए डिनर कार्यक्रम में दी थी।
भारत ने क्या जवाब दिया था?
पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की टिप्पणियों को लेकर भारत कड़ी नाराजगी जताई थी। आसिम मुनीर को कड़ी फटकार लगाते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमारा ध्यान पाकिस्तानी सेना प्रमुख की ओर से अमेरिका की यात्रा के दौरान कथित तौर पर की गई टिप्पणियों की ओर गया है। परमाणु हथियार की धमकियां पाकिस्तान की आदत है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसी टिप्पणियों में निहित गैर-जिम्मेदारी पर अपने निष्कर्ष निकाल सकता है। मुनीर का बयान ऐसे देश में परमाणु कमान और नियंत्रण की अखंडता पर गहरी शंकाओं की इशारा करते हैं, जहां सेना आतंकवादी समूहों के साथ मिली हुई है। यह भी खेदजनक है कि ये टिप्पणियां किसी मित्र देश की धरती से की गई हैं। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाते रहेंगे।
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