
खबर रफ़्तार, हल्द्वानी: उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले मंगलवार को आशा कार्यकर्ताओं और प्रगतिशील भोजन माता संगठन से जुड़ी महिलाओं ने स्थायी नौकरी, वेतन, पेंशन, सुरक्षा समेत विभिन्न मांगों को रखते हुए बुद्ध पार्क में धरना प्रदर्शन किया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय तक रैली निकाली।
रैली के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। इसमें प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनके मांगपत्र पर समयबद्ध तरीके से कार्यवाही नहीं हुई तो वे नौ जुलाई को होने वाली राष्ट्रीय हड़ताल में शामिल हो जाएंगी। यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि आशा वर्कर्स प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। वर्षों से अत्यंत कम पारिश्रमिक, असुरक्षित कार्य स्थितियों और बिना सामाजिक सुरक्षा के वे कार्य कर रही हैं। इसके बाद भी सरकार उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार कर रही है। कहा कि मोदी सरकार के नए श्रम कोड महिला कामगारों के लिए और भी परेशानी पैदा करेंगे।
प्रदर्शनकारियों ने आशाओं को मासिक मानदेय नियत करने, 2021 के प्रस्ताव को लागू करने, न्यूनतम वेतन देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन देने, पेंशन व्यवस्था न होने की स्थिति में रिटायरमेंट के समय प्रत्येक आशा को दस लाख रुपये की एकमुश्त धनराशि देने समेत कई मांगें कीं। वक्ताओं ने एक स्वर में भोजन माताओं की मांगों पर भी कार्रवाई की मांग की। धरना प्रदर्शन में कांग्रेस के पूर्व दायित्वधारी हरीश पनेरू समेत आशा यूनियन की हल्द्वानी ब्लॉक अध्यक्ष रिंकी जोशी, सचिव रीना आर्य, मीना मटियानी, प्रगतिशील भोजनमाता संगठन की रजनी जोशी, प्रीति रावत, सरोज रावत, दीपा आर्य, सायमा सिद्दकी, किरन पलड़िया आदि प्रमुख थे।
नारे लगाते-लगाते बेहोश हो गई महिला कर्मी
मंगलवार की दोपहर चटख धूप और तेज गर्मी में आयोजित प्रदर्शन के दौरान एक महिला कर्मचारी नारे लगाते-लगाते सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के समीप अचानक बेहोश होकर गिर गई। बाद में आसपास मौजूद महिलाओं ने बेहोश महिला पर पानी की छींटे डाले, तब कहीं वह होश में आई।
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