शशांक का पार्थिव शरीर आज शाम तक विशेष विमान से सिलीगुड़ी के बागडोगरा एयरपोर्ट से अयोध्या लाया जाएगा। सेना के अधिकारी उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान तक ले जाएंगे। शनिवार को जमथरा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शशांक के पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं और वर्तमान में अमेरिका में हैं। बेटे की शहादत की खबर मिलते ही वह भारत के लिए रवाना हो गए हैं और आज शाम या कल सुबह तक अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। शशांक की मां नीता तिवारी हृदय रोगी हैं, और उनकी नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें अभी बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई है।
रिश्तेदारों का कहना है कि पिता के आने के बाद ही मां को यह दुखद सूचना दी जाएगी। शशांक की बड़ी बहन, जो दुबई में रहती हैं, वर्तमान में अयोध्या में ही हैं।
शशांक घर के इकलौते बेटे थे। 2019 में उनका चयन एनडीए में हुआ था और पिछले साल ही उन्हें कमीशन मिला था, जिसके बाद उनकी पहली तैनाती सिक्किम में हुई। उनकी शादी अभी नहीं हुई थी। रिश्तेदारों के अनुसार, शशांक पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अयोध्या के जिंगल बेल स्कूल से हुई, और 2019 में जेबीए एकेडमी से इंटरमीडिएट पास करने के बाद एनडीए में चयनित हुए। देश सेवा का जज्बा उनमें बचपन से ही था।
अयोध्या में शशांक के अंतिम दर्शन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। उनके घर के बाहर खाली जमीन को साफ किया जा रहा है। परिजन, रिश्तेदार और पड़ोसी उनके घर पहुंच रहे हैं, लेकिन मां को खबर न लगे, इसलिए उन्हें पड़ोस के घर में बैठाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पहुंचकर शशांक की शहादत को नमन किया। उन्होंने घोषणा की कि शहीद की स्मृति में अयोध्या में स्मारक बनाया जाएगा और उनके परिवार को प्रदेश सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
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