हाईकोर्ट ने की आवारा पशुओं को सड़कों पर छोड़े जाने के मामले में सुनवाई, संबंधित विभागों को नोटिस जारी

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ख़बर रफ़्तार, नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी शहर सहित प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर आवारा पशुओं को छोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले में समाज सेवी भुवन चंद्र पोखरिया ने अपने आप को पक्षकार बनाने हेतु प्रार्थना पत्र पेश किया. जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर अपना जवाब पेश करने को कहा है. पोखरिया ने प्रार्थना पत्र में कहा कि पूर्व के आदेश पर नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की है. अभी सड़कों पर आवारा पशु घूम रहे हैं, जिनसे निजात दिलाई जाए.

मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता डॉ. चंद्रशेखर जोशी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी शहर सहित राज्य की व्यस्ततम सड़कों में आवारा गाय और बैलों के कारण कई दुर्घटनाएं हो रही हैं. इनके आपस में लड़ने से एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत तक हो गई. यही नहीं इन पशुओं के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में देरी हो रही है. कई बार इनके आपसी झगड़े की वजह से व्यस्ततम सड़कों पर कई घंटों का जाम तक लग जाता है.

आवारा पशुओं को सड़कों पर छोड़े जाने के मामले में उच्च न्यायलय सहित सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित निकायों को कई बार दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन अभी तक संबंधित निकायों द्वारा उन निर्देशों का पालन नहीं किया गया. जिसकी वजह से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि राज्य की सड़कों से आवारा पशुओं को हटाया जाए. जनहित याचिका में यह भी शिकायत की गई कि संबंधित विभाग शिकायत करने पर उनके क्षेत्र से आवारा पशुओं को उठाकर शेल्टर में डालने की बजाय दूसरे क्षेत्र में छोड़ रहे हैं.

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