ख़बर रफ़्तार, नैनीताल: उत्तराखंड के देहरादून जिले में अपने ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के दोषी हरमीत की फांसी की सजा पर आज शुक्रवार पांच जुलाई को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है. हरमीत को सत्र न्यायालय देहरादून ने अपने ही परिवार के पांच लोगों की हत्या करने का दोषी पाते हुए फांसी की सजा दी थी.
मामले के अनुसार 23 अक्टूबर 2014 को हरमीत ने अपने पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, गर्भवती बहन हरजीत कौर, तीन साल की भांजी सहित बहन के कोख में पल रहे गर्भ की भी निर्मम तरीके से चाकू गोदकर हत्या कर दी थी. पुलिस जांच में सामने आया था कि हरमीत ने पांचों लोगों को मारने के लिए चाकू से 85 बार वार किया था, जिसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट से हुई.
पुलिस की जांच में सामने आया था कि हरमीत के पिता जय सिंह ने दो शादियां की थी. हरमीत को शक था कि उसे पिता सारी संपत्ति उसकी सौतेली बहन के नाम कर देंगे. इसीलिए उनसे घर में मौजूद पांचों लोगों की हत्या कर दी थी.
इस केस का मुख्य गवाह पांच वर्षीय कमलजीत बच गया था. हत्यारे ने घटना को चोरी का अंजाम देने के लिए अपने हाथ भी काट लिया था. पुलिस की जांच में घटना देहरादून के आदर्श नगर का था. 24 अकटुबर 2014 को पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) देहरादून आशुतोष मिश्रा की कोर्ट ने 5 अक्टूबर 2021 को आरोपी को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनवाई थी. साथ में एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम ने फांसी की सजा की पुष्टि करने हेतु हाईकोर्ट में रिफरेंस भेजा था.
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