पहाड़ों में खिलने वाला बुरांश, अब अर्थव्यवस्था को खिला रहा

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खबर रफ़्तार, हल्द्वानी: उत्तराखंड के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में खिलने वाला बुरांश अब केवल प्रकृति की खूबसूरती तक सीमित नहीं रह गया है। यह अब गांवों की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला एक सशक्त माध्यम बन गया है। इसकी पंखुड़ियों से बनाई जाने वाली बुरांश की चाय न सिर्फ स्वास्थ्यवर्धक है, बल्कि हजारों ग्रामीणों के लिए रोजगार का साधन भी बनती जा रही है। पहाड़ों में वर्षों से पूजा और पारंपरिक औषधि के रूप में प्रयोग होने वाला बुरांश अब हर्बल उत्पादों के राष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बना चुका है।

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