इस्लामिक कट्टरपंथ देश के लिए घिनौना एवं खतरनाक : मिगलानी

खबरे शेयर करे -
  • उत्तराखण्ड में भी जड़े जमा रहे कट्टरपंथी

ख़बर रफ़्तार, रुद्रपुर : भाजपा के किच्छा नगर मण्डल प्रभारी एवं पूर्व पार्षद ललित मिगलानी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हाल ही में रिलीज हुई हिंदी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को उत्तराखण्ड में टैक्स फ्री करने और इस्लामिक कट्टरपंथी के घिनौने एवं खतरनाक लव जिहाद को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।

मीडिया को जारी बयान में भाजपा नेता मिगलानी ने कहा कि ‘द केरला स्टोरी’ वो भयावह सच्चाई है जिसे हर नागरिक को देखना चाहिए और स्वयं विचार करना चाहिए, केरल जैसा शिक्षा एवं आर्थिक रूप से संपन्न जैसे प्रदेश में ऐसी परिस्थितियां हैं बाकी प्रदेशों में क्या स्थिति होगी इसका आकलन किया जा सकता है। आज वो सच्चाई फिल्म के माध्यम से बाहर आई है, वास्तव में यह सिर्फ केरल में नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान में हो रहा है। इस्लामिक कट्टरपंथी पूरी साजिश के तहत इस्लामिक आतंकवाद फैला रहे हैं। द केरल स्टोरी फिल्म लव जिहाद,धर्मांतरण के रूप में नए आतंकवाद के षडयंत्र को उजागर करती है और घिनोने चेहरे को सामने लाती है।

[smartslider3 slider=6]

जो बेटिया लव जिहाद के जाल में उलझ जाती है उनकी कैसे बर्बादी होती है यह फिल्म बताती है। आतंकवाद के नई डिज़ाइन को भी यह फिल्म उजागर करती है। यह फिल्म हमे जागरूक करती है। इस्लामिक कट्टपंथी लवजिहाद में भोली भाली लड़कियों को फंसाकर पहले उनको इस्लाम धर्म के प्रति रुचि पैदा करके और उनको अपने धर्म के प्रति बगावती बनाकर परिवार से अलग करते हैं और फिर उनका किनौनी मानसिकता के रूप में भरपूर शारीरिक शोषण करके भोली भाली लड़कियों को गर्भवती करते हैं जिससे उन्हें परिवार एवं समाज से उपेक्षित कराया जाता है, जिससे वह अपने को अकेला महसूस करते हुए उन पर आत्मनिर्भर हो जाएं फिर उनका इस्तेमाल पोर्न मूवी,वेश्यावृत्ति अंग तस्करी एवं आतंकवाद जैसी गतिविधियों में उनको धकेल कर इन जैसी घिनौनी साजिश के लिए किया जाता है। फिल्म देखकर पता चलता कि देश में किस तरह साजिश के तहत इस्लामिक कट्टरपंथ का जहर घोला जा रहा है। कट्टरपंथी बेटियों को जाल में फंसाकर न उसे व्यक्तिगत रूप से बल्कि उसके परिवार और समाज की भी आत्मा को मार रहे हैं।

मिगलानी ने कहा कि इस्लामिक कट्टरपंथ का कुरूप चेहरा मुगलों के शासन से से लेकर 1947 से लगातार ही देखने को मिलता आ रहा है जो आज भी ऐसी घिनौनी साजिशों के रूप में जारी है। केरल ही नहीं बल्कि आज पूरे देश में लव जिहाद के रूप में इस जहर को घोला जा रहा है। कट्टरपंथियों का यह कृत्य समाज की जड़ें हिला देने वाला जहर है। अब समय आ गया है कि ऐसी साजिशों के खिलाफ एकजुट होकर जवाब देने की जरूरत है। सबसे ज्यादा गरीब बस्तियों में इस साजिश को अंजाम दिया जा रहा है। इस साजिश के खिलाफ समाज को जागरूक होने की जरूरत है।

आज उत्तराखण्ड में जिस तरह से बड़ी संख्या में विभिन्न प्रदेशों से दूसरे समुदाय के लोग यहां आकर बस रहे हैं उनकी गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को खुद भी जागरूक होना होगा। इस साजिश को अंजाम देने वाले लोग बस्तियों और पहाड़ों पर छोटे छोटे रोजगार के जरिये गांव गांव तक पहुंच चुके हैं। ऐसे साजिशकर्ता लव जिहाद के लिए गरीब और भोली भाली बेटियो को अपना शिकार बना रहे हैं। सरकार को इसके खिलाफ ठोस कदम उठाना होगा। मिगलानी ने धामी सरकार से इस्लामिक कट्रपंथियों को नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए दूसरे प्रदेशों से उत्तराखण्ड में आ रहे ऐसे साजिशकर्ताओं पर नकेल कसने के लिए ठोस कदम उठाने और जनजागरूकता के लिए प्रदेश में द केरला स्टोरी फिल्म को टैक्स फ्री करने और अधिक से अधिक लोगों को यह फिल्म दिखाने की व्यवस्था करने की मांग की है।

साथ ही मिगलानी ने कहा कि हास्यास्पद स्थिति है कि इस फिल्म में भयावह सच्चाई सामने आने के बाद कुछ लोग इसमें राजनीतिक दृष्टिकोण के चलते इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। फिल्म में न सिर्फ सच्चाई दिखायी गयी है बल्कि आतंकवाद के परिणामों को भी उजागर किया है। फिल्मकार ने द केरल स्टोरी के जरिये आतंकवाद के बदसूरत सच को दिखाने की हिम्मत दिखायी है। आतंकवादियों के नई डिजाइन को उजागर किया है। इसको लेकर राजनीति करने के बजाय देश की भलाई की खातिर इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए। लेकिन इसके बावजूद कुछ मुख्य राजनीतिक दल आतंकवादियों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

इन कोशिशों के पीछे सच्चाई यह है कि इस फिल्म को राजनीतिक एवं व्यवसायिक दृष्टि से प्रचारित करके हमेशा की तरह विषय की गहरी गंभीरता को कम करने कि तथाकथित साजिश का कुषित प्रयास है सेकुलर रिज्म का चोला पहनकर इन राजनीतिक दलों से पूछना चाहिए कि पाकिस्तान बांग्लादेश और भारत जैसे देश में शुरुआती दौर में आए कुछ हजार इस्लाम के प्रति आस्था रखने वाले लोगों से कैसे करोड़ों लोगों में परिवर्तित हो गए ।

अब समय आ गया है की इन साजिशों से डर कर हमें आंखें बंद नहीं करनी चाहिए बल्कि आंखें खोल कर समाज को सजग करके उनसे मुकाबला करने के लिए तैयार होना चाहिए।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours