उत्तरकाशी: तेजी से कार्य कर रहा हैदराबाद से आया प्लाज्मा कटर, कुछ ही घंटों में मिलेगी सफलता

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ख़बर रफ़्तार, उत्तरकाशीसिलक्यारा सुरंग के मलबे में फंसी औगर मशीन को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मशीन मंगाई गई है। 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रविवार की सुबह प्लाज्मा कटर की सहायता से काम शुरू कर दिया है।

प्लाज्मा कटर मशीन को रविवार की तड़के सिलक्यारा लाया गया। इस नई मशीन के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले भी ऑगर मशीन को हटाने की प्रक्रिया जारी थी।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हैदराबाद से जो प्लाज़्मा मशीन लाई गई है, उसने काम करना शुरू कर दिया है। कटाई तेजी से चल रही है। अब कुल 14 मीटर की दूरी शेष बची हुई है जो अगले कुछ घंटों में पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू होगा।”

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बीते दिन रुका रहा कार्य

बता दें कि उत्तरकाशी सुरंग में 13 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए किए जा रहे ड्रिलिंग कार्य में पिछले 24 घंटों में कोई हलचल नहीं हुई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन के अनुसार, अमेरिकन औगर मशीन का एक हिस्सा टूट गया था, जिससे कार्य अवरुद्ध हो गया था।

बीएसएनएल ने लैंडलाइन सेवा करवाई उपलब्ध

वहीं सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को आश्वासन देने और उनके तनाव को दूर करने के प्रयासों के मद्देनजर भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने उन्हें एक लैंडलाइन सेवा उपलब्ध कराई है जिसके जरिए वे अपने परिजनों से बात कर सकते हैं।

मजदूरों को भेजे गए मोबाइल फोन

एनडीएमए सदस्य ने कहा कि बीएसएनएल ने घटनास्थल पर एक छोटा टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किया है और फोन एक लाइन के माध्यम से जुड़ा है। वहीं बचाव अभियान में शामिल एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को कुछ मोबाइल फोन भी भेजे गए हैं ताकि वे गेम खेल सकें और तनाव से दूर रहें।

अधिकारी के मुताबिक, आसपास मोबाइल का नेटवर्क नहीं है लेकिन वह वाई-फाई कनेक्टिविटी प्रदान करने पर भी विचार कर रहे हैं। वहीं श्रमिकों को क्रिकेट बैट और गेंद उपलब्ध कराने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि वे क्रिकेट खेलकर अपना समय काट सकें।

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