विमान दुर्घटना: MBBS छात्र की विदाई में उमड़ा सैलाब; टीना डाबी भी रोईं; विमान हादसे का दर्द

खबर रफ़्तार, बाड़मेर/जयपुर:  हमदाबाद विमान हादसे में मारे गए एमबीबीएस छात्र को अंतिम विदाई देने हाजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान हर किसी की आंख नम थी। गमगीन माहौल में बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी भी अपने आंसू नहीं रोक पाईं।

गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में बाड़मेर जिले के एमबीबीएस छात्र जयप्रकाश (20) की मौत हो गई। शुक्रवार शाम को जयप्रकाश का शव उसके पैतृक गांव बोर चारणान पहुंचा तो हजारों लोगों की भीड़ उसे आखिरी विदाई देने के लिए उमड़ गई। जयप्रकाश की मौत से पूरे गांव में मातम छाया रहा। मौके पर जिला कलेक्टर डीना डाबी, पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा और स्थानीय नेता भी मौजूद रहे। गमगीन माहौल में जयप्रकाश का अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र सिंह मीणा ने भी अंतिम यात्रा को कंधा दिया। गमगीन माहौल के बीच कलेक्टर टीना डाबी भी अपने आंसू नहीं रोक पाई।

सीएम भजनलाल ने पिता से कॉल पर बात की
एमबीबीएस छात्र जयप्रकाश का शव गांव पहुंचने से पहले कलेक्टर टीना डाबी, एसपी नरेंद्र सिंह मीणा और भाजपा जिलाध्यक्ष अनंतराम विश्नोई समेत अन्य स्थानीय नेता मौजूद थे। जैसे ही जयप्रकाश का शव गांव पहुंचा कोहराम मच गया। हर तरह सिर्फ चीखने चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। सभी प्रशासनिक अधिकारियों ने जयप्रकाश के पिता और परिवार को ढांढस बंधाया। इस दौरान एसपी मीण ने अपने फोन से सीएम भजनलाल शर्मा की बात जयप्रकाश के पिता से कराई। सीएम ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया और ढांढस बंधाया।

हर किसी की आंख दिखी नम 
पुलिस अधीक्षक मीणा ने बताया कि जयप्रकाश एक होनहार छात्र था। वह एमबीबीएस द्वितीय वर्ष में था। भाजपा जिलाध्यक्ष विश्नोई ने कहा कि जयप्रकाश के निधन से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा क्षेत्र शोक में है। यह घटना अत्यंत पीड़ादायक है, हर किसी की आंखें नम हैं।

 

कलेक्टर टीना डाबी के छलके आंसू 
जयप्रकाश को अंतिम विदाई देने के लिए कलेक्टर टीना डाबी भी मौके पर मौजूद थीं। गमगीन माहौल के बीच उन्होंने जयप्रकाश को हाथ जोड़कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वे कई बार भावुक नजर आईं और उनके आंसू भी छलके, जिन्हें वे बार-बार पोंछती हुईं नजर आईं।

कैसे हुई जयप्रकाश की मौत? 
20 साल का जयप्रकाश अहमदाबाद में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। वह एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र था। जिस समय एयर इंडिया का विमान हॉस्टल पर गिरा जयप्रकाश उस समय मैस में खाना खा रहा था। हादसे में जयप्रकाश का शरीर 30 फीसदी जल गया, साथ उसके ऊपर दीवार का मलबा भी गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। बेटे की मौत की सूचना मिलने पर परिवार बाड़मेर से अहमदाबाद पहुंचा। जयप्रकाश का शव परिजनों को सौंपा गया और वे उसे गांव लेकर रवाना हुए। शाम करीब पांच बजे जयप्रकाश का शव गांव पहुंचा, जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया।

मजदूरी कर बेटे को डॉक्टर बना रहे थे पिता  
जयप्रकाश के पिता धर्माराम जाट बालोतरा की एक कपड़ा फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। उन्होंने मेहनत कर बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था। कर्ज लेकर उसे पढ़ाई के लिए कोटा भेजा था। कड़ी मेहनत से जयप्रकाश ने 2023 में नीट परीक्षा में 675 नंबर हासिल किए। उसे अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिला था। 16 जून से शुरू उसके एमबीबीएस सेंकेंड ईयर के एग्जाम शुरू होने वाले थे। कुछ साल की मेहनत के बाद जयप्रकाश डॉक्टर बन जाता, अपने और परिवार के सपने पूरे करता। लेकिन, उससे पहले ही सबकुछ खत्म हो गया।

आम लेने चला जाता तो बच जाती जिंदगी 
भाई मंगलाराम ने बताया कि कल शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे जयप्रकाश का कॉल आया था। उसने कहा था- मैस में खाना खाने जा रहा हूं, फोन की बैटरी डाउन है। इसके बाद उसका मोबाइल स्विचऑफ हो गया। मंगलाराम ने भाई ने यह भी बताया कि मैस जाने से पहले उसके साथियों ने उससे बाहर चलकर आम लेकर आने के लिए कहा था। लेकिन, उसने खाना खाने जाने की बात कहकर मना कर दिया। अगर, वह दोस्तों के साथ चल जाता तो उसकी जान बच जाती।

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