ख़बर रफ़्तार, देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू होने के बाद अब 25 मई से सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खुल रहे हैं. चारधाम यात्रा पर उमड़ रही भीड़ को लेकर चिंतित सरकार और जिला प्रशासन के लिए हेमकुंड साहिब की यात्रा भी इस बार चुनौती भरी रहने वाली है.
बेहद खूबसूरत और खड़ी चढ़ाई चढ़कर हेमकुंड साहिब तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी साल दर साल चारधाम यात्रियों की तरह बढ़ रही है. बर्फीले इलाकों के बीच चमोली जिले में स्थित यह गुरुद्वारा विश्व प्रसिद्ध है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि गंगोत्री-यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की तरह इस बार हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी अधिक होगी. लिहाजा, यात्रा को लेकर प्रशासन ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली है.
ये है मान्यता
चमोली स्थित हेमकुंड साहिब उत्तराखंड का एक प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है. यह स्थल सिख धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. इसे गुरु गोविंद सिंह, सिख धर्म के दसवें गुरु के बालिग होने के स्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है. यहां परंपरागत रूप से सिखों का आध्यात्मिक और सामाजिक संगठन केंद्र है. इसका महत्व उनके धार्मिक और आध्यात्मिक पहचान रखता है.
हेमकुंड साहिब का नाम उस तालाब के आधार पर है, जो इस स्थान पर स्थित है. ‘हेम’ शब्द का अर्थ सोने को और ‘कुंड’ शब्द का अर्थ तालाब या सागर को दर्शाता है, जिससे इस स्थान का नाम हेमकुंड साहिब पड़ा है. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के अलावा, हेमकुंड साहिब एक शानदार प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा स्थल है. यहां आपको अपार पहाड़ी दृश्यों, वन्यजीवों, जलप्रपातों और धाराओं का आनंद लेने का अवसर मिलेगा.
रजिस्ट्रेशन है बेहद जरूरी
हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. चारधाम यात्रा के अलावा हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है. यात्रियों की भीड़ और व्यवस्थाओं को देखते हुए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन में आपको अपना पता, मोबाइल नंबर और शहर के साथ-साथ देश का नाम लिखना अनिवार्य है.
इसके साथ ही यात्रा पर आने से पहले यह सुनिश्चित करें कि यह यात्रा बेहद कठिन चढ़ाई और बर्फीले पहाड़ों के बीच संपन्न होती है. लिहाजा, घर से निकलने से पहले गर्म कपड़े, सूखे ड्राई फ्रूट्स और जरूरी दवाइयां अपने साथ रखें. आपको इस यात्रा में पैदल अधिक चलना होगा. लिहाजा जूते कंफर्टेबल पहनकर यात्रा की शुरुआत करें. हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से यहां पर हेली सर्विस और घोड़े खच्चरों की व्यवस्था की गई है. आप उनका उपयोग करके भी हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा तक पहुंच सकते हैं.
84 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
साल 2023 में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब 1 लाख 75 हजार थी. इस बार श्रद्धालुओं की संख्या कितनी अधिक हो सकती है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक 84 हजार 427 लोगों ने हेमकुंड साहिब आने का रजिस्ट्रेशन करवा दिया है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार हेमकुंड साहिब में भी अत्यधिक भीड़ हो सकती है.
राज्यपाल ने भेजा पहला जत्था
22 मई को उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने ऋषिकेश से हेमुकंड साहिब के लिए पहला जत्था रवाना किया. राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब बेहद पवित्र और अद्भुत स्थल है. चारधाम की तरह ही यहां पर भी भक्ति की एक अलग गंगा बहती है. यहां पर बैठकर ऐसा लगता है मानो ऊर्जा का पावर बैंक हो. उन्होंने तमाम श्रद्धालुओं से यह भी अपील करते हुए कहा, वह पहाड़ की संस्कृति और संस्कारों को ध्यान में रखकर ही यात्रा करें.
जिलाधिकारी बोले सभी तैयारी पूरी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने तमाम धार्मिक स्थलों पर भीड़ भरने की वजह से सभी अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर रखे हैं. चुनावी कार्यक्रम से समय निकालकर जैसे ही सीएम धामी उत्तराखंड पहुंच रहे हैं, सबसे पहले चारधाम यात्रा की बैठक ले रहे हैं. उन्होंने चमोली डीएम को भी हेमकुंड साहिब में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के निर्देश दिए थे.
वहीं, 17 मई डीएम हिमांशु खुराना ने हेमकुंड साहिब में बिजली-पानी, रास्ते की व्यवस्था के साथ-साथ बर्फ हटाने के काम में लगे लोगों से बातचीत की. डीएम ने बताया कि चारधाम यात्रा में बढ़ रही भीड़ के साथ इस बार हेमकुंड साहिब में कुछ अतिरिक्त व्यवस्था की है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पूरा प्रशासन दिन-रात मेहनत कर रहा है. घोड़े खच्चरों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था शौचालय और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. उम्मीद है एक अच्छा अनुभव लेकर यहां से यात्री अपने घर वापसी करेंगे.
हेमकुंड साहिब ऐसे पहुंचे
हेमकुंड साहिब जाने के लिए आपको ट्रेन के माध्यम से ऋषिकेश तक आना होगा. ऋषिकेश के बाद का सफर आपको सड़क मार्ग से पूरा करना होता है. हेमकुंड साहिब या जोशीमठ पहुंचने के लिए आपको ऋषिकेश से लगभग 8 से 9 घंटे का वक्त लगेगा. इसके बाद एक रात्रि विश्राम करने के बाद अगली सुबह आप हेमकुंड साहिब की चढ़ाई शुरू कर सकते हैं. लगभग 6 घंटे की पैदल यात्रा के बाद आप हेमकुंड साहिब पहुंच सकते हैं. यहां पर पहुंचने के लिए आप घोड़े-खच्चर का सहारा भी ले सकते हैं.
+ There are no comments
Add yours