ख़बर रफ़्तार, नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार की याचिका को खारिज करते हुए उत्तराखंड लोक सेवा अभिकरण के आदेश को बरकरार रखा है. अभिकरण ने मुख्य सहायक बाल विकास परियोजना ऑफिसर द्वाराहाट जिला अल्मोड़ा के बिशन सिंह धपोला को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में मुख्य सहायक से कनिष्ठ सहायक के पद पर रिवर्जन करने और लगभग पच्चीस लाख रुपए की वसूली के लिए निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास देहरादून के जारी आदेश को निरस्त कर दिया था. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद बिशन सिंह धपोला को बड़ी राहत मिली है.
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उत्तराखंड लोक सेवा अभिकरण के आदेश 19 मार्च 2020 के आदेश को चुनौती दी थी. जिसमें कहा गया था कि विपक्षी विशन सिंह धपोला के विरुद्ध 2007 में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई. धपोला को आराेप पत्र दिया गया, जिसका उन्होंने जवाब भी दे दिया.
विभागीय जांच पूरी होने के बाद धपोला को दंडस्वरूप उनके पद से उसे रिवर्जन करते हुए कनिष्ठ सहायक के पद पर पदावनत किया गया. साथ ही लगभग पच्चीस लाख रुपये की वसूली के आदेश निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास देहरादून ने जारी कर दिए. इस दंडानात्मक आदेश के विरुद्ध विशन सिंह धपोला ने उत्तराखंड लोक सेवा अभिकरण में चुनौती दी थी. जिसके बाद अभिकरण ने 21 सितंबर 2019 के आदेश को निरस्त कर दिया. जिसके विरुद्ध सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले में चुनौती दी थी.
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