
खबर रफ़्तार, कोलकाता: राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार रविवार को ‘साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज’ पहुंचीं। कॉलेज में कानून की एक छात्रा से एक पूर्व छात्र सहित तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था। अर्चना ने दावा किया कि पुलिस उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दे सकी कि पीड़िता इस समय कहां है।
उन्होंने कहा, ‘‘आयोग उसके (छात्रा के) साथ खड़ा है।’’ अर्चना ने कहा कि आयोग का काम पीड़िता की तब तक सहायता करना है, जब तक वह चाहती है। उन्होंने कहा कि पीड़िता के माता-पिता से भी बात करना जरूरी है। आयोग की सदस्य ने कहा, ‘‘यह (आयोग द्वारा) जांच का एक हिस्सा है।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में आयोग पीड़िता के साथ-साथ उसके माता-पिता से भी बात करता है और यह जानने की कोशिश करता है कि उन्हें क्या चाहिए, जिसमें सुरक्षा, उसकी (पीड़िता की) शिक्षा को आगे बढ़ाने में सहायता आदि शामिल है। विधि कॉलेज पुहंचीं अर्चना को वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों के साथ बहस करते देखा गया।
कॉलेज में मौजूद एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ने बताया कि आयोग की सदस्य के अलावा, उनके साथ आए दो अन्य लोगों को उनके मोबाइल नंबर नोट करने के बाद परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। उन्होंने बताया, ‘‘अंदर वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी की अनुमति नहीं होगी।’’ बाद में अर्चना परिसर में दाखिल हुईं और गार्ड रूम में गईं, जहां 25 जून को कथित घटना हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं रिपोर्ट करूंगी कि मैं अपना काम पूरा नहीं कर पाई।’’
पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी पूर्व छात्र और दो अन्य छात्रों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, शनिवार सुबह कॉलेज के एक सुरक्षा गार्ड को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने मामले की जांच के लिए सहायक आयुक्त रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
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