ख़बर रफ़्तार, देहरादून/रुद्रप्रयाग: 31 जुलाई 2024 की रात केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुआ था. लैंडस्लाइड एक स्थान पर नहीं, बल्कि पूरे यात्रा मार्ग पर कई जगह पर हुआ. कई स्थानों पर 100 मीटर रास्ता वॉश आउट हो गया था. कई तीर्थयात्री केदारनाथ धाम और यात्रा मार्ग पर फंस गए थे. तब से लगातार 6 दिन से यात्रियों का रेस्क्यू जारी है. सरकार रेस्क्यू के लिए 5 हेलीकॉप्टर, MI-17 और चिनूक की मदद ले रही है. लिहाजा, आपदा से अब तक केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन अब सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 7 अगस्त यानि आज से केदारनाथ यात्रा शुरू करने का फैसला लिया है.
केदारनाथ यात्रा को लेकर जारी घोषणा में धामी सरकार ने केदारनाथ यात्रा सुचारू करने का ऐलान किया है. हालांकि, ये यात्रा सिर्फ और सिर्फ हेलीकॉप्टर से ही की जा सकेगी. ये ऐलान सीएम धामी ने आज रुद्रप्रयाग दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए की. सीएम धामी ने कहा, ‘जो श्रद्धालु अपना टिकट बुक करवा चुके हैं और उत्तराखंड में आ चुके हैं, उनके लिए यह यात्रा आज से शुरू हो जाएगी. हम चाहते हैं कि यात्रा जल्द से जल्द शुरू हो. ताकि श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकें. एक हफ्ते से भक्त भगवान से दूर हैं. ऐसे में जब तक सड़क ठीक नहीं हो जाती, तब तक हेलीकॉप्टर के माध्यम से ही श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे’.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक और बड़ी घोषणा की है. सीएम धामी ने कहा कि, जो श्रद्धालु ऋषिकेश, हरिद्वार और रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम जाने के लिए पहुंच गए हैं या जाना चाहते हैं, उन्हें हेलीकॉप्टर के किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इस 25 फीसदी छूट का किराया राज्य सरकार वहन करेगी. इतना ही नहीं, आने वाले एक हफ्ते में हम यह कोशिश करेंगे कि पैदल मार्ग से भी श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम में भेजा जाए. हम किसी तरह से भी श्रद्धालुओं के मन से यह डर निकालना चाहते हैं कि केदारनाथ यात्रा सुरक्षित नहीं है. इतनी बड़ी आपदा के बाद इतना सफल रेस्क्यू इसलिए संभव हो पाया क्योंकि तमाम एजेंसियों ने अपना काम बेहतर तरीके से किया है.
निरीक्षण के बाद सामने आई ये जानकारी
रुद्रप्रयाग में स्थलीय और हवाई निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि केदारनाथ यात्रा के दौरान जिन जगहों से श्रद्धालु केदारनाथ धाम तक पहुंचे थे, उस जगह पर 29 ऐसे बिंदु हैं जहां पर अधिक भूस्खलन की वजह से सड़क पूरी तरह से खत्म हो गई है. इतना ही नहीं, सड़क का 150 मीटर का एक हिस्सा पूरी तरह से नदी में समा गया है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस आपदा के दौरान इस पूरे क्षेत्र को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी केंद्र सरकार को दी जा रही है. केंद्र सरकार इस आपदा की घड़ी में राज्य सरकार के साथ है.
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