इंदौर हादसा: जर्जर इमारत गिरी, दो की जान गई, 12 अस्पताल में भर्ती

खबर रफ़्तार, इंदौर:  इंदौर के रानीपुरा इलाके में एक पुरानी 3 मंजिला इमारत गिरने से हड़कंप मच गया। हादसे में घायल 12 लोगों को एमवाय में भर्ती करवाया है।

शहर के व्यस्ततम इलाकों में से एक रानीपुरा में सोमवार रात एक 3 मंजिला पुरानी इमारत भरभराकर गिर गई। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और 12 लोगों को घायल अवस्था में निकालकर महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अल्फिया और फ़ईममुद्दीन अंसारी है मृतकों के नाम, दोनों चाचा भतीजी थे। दो लोगों के देर रात तक मलबे में दबे होने की सूचना है। सभी घायलों को एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एमजीएम कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया चार लोगों की हालत गंभीर है।

घटनास्थल पर अफरा-तफरी, बचाव कार्य जारी
यह हादसा रानीपुरा के कोष्टी मोहल्ले में जवाहर मार्ग पार्किंग के पास हुआ। सूचना मिलते ही सेंट्रल कोतवाली थाना क्षेत्र की पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की कई टीमें मौके पर पहुंच गईं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। बचाव दल मलबे को हटाकर फंसे हुए लोगों को निकालने के हर संभव प्रयास में जुटे हुए हैं।

पहले से ही कमजोर थी इमारत
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह इमारत काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी थी। दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई थीं और अक्सर प्लास्टर व मलबा गिरता रहता था। रहवासियों ने बताया कि कई बार इस इमारत को खाली करने की बात भी उठी थी, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। सोमवार को दिनभर हुई तेज बारिश के कारण इमारत और कमजोर हो गई और रात में अचानक ढह गई।

देर रात हादसा होता तो और भी जानें जाती
पड़ोसियों ने बताया कि हादसे के वक्त इमारत में कम ही लोग मौजूद थे, क्योंकि ज्यादातर लोग बाहर थे। उनका कहना है कि यदि यह हादसा और देर रात होता, तो जान-माल का नुकसान कहीं ज्यादा हो सकता था, क्योंकि उस समय सभी लोग अपने घरों में सो रहे होते।
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बिजली गुल 
बिजली कंपनी ने इलाके की बिजली काट दी है। इससे यहां अंधेरा हो गया है। रेस्क्यू टीम ने बिजली के तारों को काटा है ताकि रेस्क्यू तेजी से किया जा सके। बिल्डिंग के गिरने के बाद आसपास के कई बिजली के पोल भी गिर गए और तार भी टूट गए। अंधेरे की वजह से बचाव दलों के द्वारा किए जा रहे प्रकाश में ही घायलों को निकाला जा रहा है। 
छत पर टीन शेड में भी रहते थे लोग
बताया जा रहा है कि यह बिल्डिंग मुस्तकीन अंसारी की है। 15 साल पुरानी इमारत बहुत जर्जर थी और लोग कई बार इसकी शिकायत भी कर चुके थे। बिल्डिंग में तलघर भी था और गोडाउन में भी दुकानें बनाई गई थी।
मलबे में दबे लोगों ने लगाया मदद के लिए फोन
बिल्डिंग ज्यादा पुरानी नहीं होने के कारण मलबे में तब्दील नहीं हुई। इस कारण जो लोग भीतर फंसे हैं उनमें से कुछ लोग फोन भी लगा रहे हैं। बचाव में जुटे रहवासियों को उन्होंने फोन करके अपनी हालत बताई है। एक घायल ने बताया कि उनका पैर फंसा हुआ है लेकिन वह सुरक्षित है।

बिल्डिंग में चार परिवार रहते हैं
शादाब अंसारी नाम के युवक ने बताया कि बिल्डिंग में 4 परिवार रहते थे। सभी परिवारों में मिलाकर 15 के आसपास सदस्य हैं। बताया जा रहा है कि पांच से ज्यादा लोग अभी भी बिल्डिंग में दबे हैं।

घायलों में दो बच्चे शामिल
अल्ताफ उम्र 28 वर्ष, रफीउद्दीन 60 वर्ष, यासिरा 3 माह, नबी अहमद 7 वर्ष, सबिस्ता अंसारी 28 वर्ष, सेबुद्दीन 62 वर्ष, सलमा बी 45 वर्ष, आलिया अंसारी 23 वर्ष, शाहिदा अंसारी 55 वर्ष, अमीनुद्दीन 40 वर्ष।

मेयर, कलेक्टर व पुलिस आयुक्त भी पहुंचे
हादसे की सूचना मिलते ही मेयर पुष्य मित्र भार्गव, कलेक्टर शिवम वर्मा और पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्यों के निर्देश दिए। उन्होंने घायलों को तत्काल व समुचित इलाज के भी अधिकारियों को निर्देश दिए।

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