ख़बर रफ़्तार, देहरादून: इस लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में साढ़े पांच लाख से अधिक मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। इनमें नए यानी 18 से 19 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या डेढ़ लाख ही है। माना जा रहा है कि बाकी चार लाख मतदाताओं में कुछ घर वापसी कर उत्तराखंड लौटे हैं तो कुछ रोजगार की तलाश में यहां आए हैं।
रिवर्स पलायन करने वाले कितने प्रवासी उत्तराखंड के गांवों में रुके, फिलहाल इसकी स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आई है, पर इतना जरूर है कि प्रदेश के लोग अपनी जड़ों की तरफ लौटने लगे हैं। रिवर्स पलायन के लिए शुरू की गई प्रदेश सरकार की योजनाएं भी इसमें अहम भूमिका निभा रही हैं। इन दोनों ही फैक्टर का असर प्रदेश की मतदाता सूची में देखने को मिला है।
लोकसभा चुनाव की बेला में निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नवीन मतदाता सूची के मुताबिक, पिछले पांच वर्ष में उत्तराखंड में पांच लाख 55 हजार 784 लोग मतदाता बने हैं। इसमें नए यानी 18 से 19 वर्ष के उन मतदाताओं की संख्या एक लाख 45 हजार 220 ही है, जो लोकतंत्र के महायज्ञ में पहली बार आहुति डालेंगे। शेष चार लाख 10 हजार 564 मतदाता ऐसे हैं, जो प्रदेश में पहली बार मतदान करेंगे। ऐसे सर्वाधिक मतदाता हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में हैं। दूसरे नंबर पर नैनीताल-यूएसनगर सीट है और फिर टिहरी गढ़वाल। तीनों संसदीय सीटों पर इस प्रवासी मतदाता वर्ग ने प्रत्याशी और राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा रखी है। माना जा रहा कि इस मतदाता वर्ग में बड़ी तादाद अन्य राज्यों के प्रवासियों की है, जो रोजगार के चलते यहां बसे हुए हैं। प्रवासी होने के नाते इस मतदाता वर्ग को प्रदेश के मूल मुद्दों से भी खास लेना-देना नहीं। ऐसी ही स्थिति वापस लौटे उत्तराखंडी प्रवासियों की भी है। सो, प्रत्याशियों के लिए उनको साधना किसी चुनौती से कम नहीं। हालांकि, नेताजी समीकरण भिड़ाने में जुटे हैं, जिससे इस मतदाता वर्ग को अपने पाले में किया जा सके। अब ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो चार जून को आने वाला लोकसभा चुनाव का परिणाम ही बताएगा।
- कुल मतदाता- 83,21,207
- नए मतदाता- 5,55,784
- 18-19 वर्ष के नए मतदाता- 1,45,220
- प्रवासी नए मतदाता- 4,10,564
संसदीय सीटवार नए मतदाता
- संसदीय सीट, 18-19 वर्ष के मतदाता, अन्य मतदाता
- टिहरी गढ़वाल, 28638, 64311
- गढ़वाल, 29919, 15721
- अल्मोड़ा, 23722, 4841
- नैनीताल-यूएसनगर, 30523, 162006
- हरिद्वार, 32418, 163685