
खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच लागू हुए संघर्ष विराम के बाद कई अहम सवाल खड़े हो रहे हैं कि, क्या पाकिस्तान पर भरोसा किया जा सकता है? क्या सीमा पर जारी तनाव खत्म होंगे? कैसे दोनों देश संघर्ष विराम के लिए राजी हुए और दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष का क्या भविष्य होगा?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते चरम पर है। भारत ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सात मई की रात में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया, इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंक के नौ ठिकानों को ध्वस्त किया गया। इसके साथ ही भारत के इस ऑपरेशन में कई कुख्यात आतंकी भी ढेर हुए। जिसके बाद से पाकिस्तान ने हर दिन सीमा पर युद्धविराम का उल्लंघन किया और सीमावर्ती जिलों में गोलीबारी, ड्रोन, मिसाइल से हमले किए गए। जिसका भारतीय सेना की तरफ से माकूल जवाब दिया गया। इस दौरान देखते-देखते दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बन गई।
पाकिस्तान लगातार तरह-तरह के मिसाइल-ड्रोन के जरिए भारत के अहम रक्षा ठिकानों के साथ-साथ नागरिक इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे भारत ने अपने उन्नत वायु रक्षा प्रणाली से नाकाम कर दिया। भारत ने इसके जवाब में पाकिस्तान के आठ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए उसे भारी नुकसान पहुंचाया। भारत की ताबड़तोड़ कार्रवाई से पाकिस्तान के रक्षा प्रणाली की कमर टूट गई, जिससे घबराए पाकिस्तान ने भारत के सामने संघर्ष विराम को प्रस्ताव रखा। दोनों देशों के बीच करी 87 घंटे बाद संघर्ष विराम लागू हो गया, लेकिन इसके चार घंटे बाद ही पाकिस्तान ने अपनी कायराना हरकत शुरू कर दी। भारत-पाकिस्तान के बीच लागू हुए संघर्ष विराम के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं…
क्या भरोसे के लायक है आतंक का आका पाकिस्तान?
पाकिस्तान के दुस्साहस का भारत क्या देगा जवाब?
भारत ने संघर्ष विराम लागू होने के बाद स्पष्ट किया था कि, भारतीय सेनाएं संघर्ष विराम सहमति का पालन करेंगी, भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना पूरी तरह से तैयार, सतर्क और मातृभूमि की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि सेना ने सीमा पर कड़ी नजर रखी हुई है और उसे किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए ठोस और सख्त कदम उठाने के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा, शस्त्र बल स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर सीमा उल्लंघन की किसी भी घटना की पुनरावृत्ति होने पर सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं।
+ There are no comments
Add yours