
खबर रफ़्तार, बेंगलुरु: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के अधिकारियों को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया है. उन्होंने इस घटना को लेकर केएससीए प्रबंधन के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग करते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ मामले में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) को बड़ी राहत दी है. केएससीए के अध्यक्ष रघु राम भट और अन्य पदाधिकारियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर फिलहाल दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक अधिकारियों के खिलाफ कोई गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
इसके खिलाफ केएससीए ने शुक्रवार को हाईकोर्ट का रुख किया और एफआईआर रद्द करने की मांग की. संघ ने दलील दी कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन इसमें उनकी कोई सीधी जिम्मेदारी नहीं है.
जानें क्या है मामला?
यह भगदड़ बुधवार शाम को बेंगलुरु स्थित एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर उस समय मच गई, जब बड़ी संख्या में लोग रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की आईपीएल 2024 की जीत का जश्न मनाने के लिए जमा हुए थे. सीमित संख्या में प्रवेश पास होने के बावजूद भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ में बदल गई. इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 56 लोग घायल हो गए.
गोविंदराज को सीएम ने राजनीतिक सचिव के पद से हटाया
पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की. आरसीबी, डीएनए एंटरटेनमेंट और केएससीए के अधिकारियों पर आयोजन में लापरवाही का आरोप लगाया गया है. मामले में अब तक चार अधिकारियों को हिरासत में लिया जा चुका है, जिनमें आरसीबी के मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड निखिल सोसले भी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, निखिल को शुक्रवार सुबह दुबई जाते समय केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया.
वहीं, कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार ने विधान परिषद सदस्य गोविंदराज को तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के राजनीतिक सचिव के पद से हटा दिया है.
निखिल सोसले की याचिका पर भी सुनवाई
हाईकोर्ट ने निखिल सोसले द्वारा दायर याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि आरोपी को जांच के दौरान ही हिरासत में लिया गया है और उसकी गिरफ्तारी केवल आवश्यकता पड़ने पर की जाएगी. अदालत ने मामले की सुनवाई जारी रखने की बात कही है.
इस बीच, हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश से फिलहाल केएससीए पदाधिकारियों को राहत मिल गई है, लेकिन मामले की गहराई से जांच जारी है. अगली सुनवाई में यह तय होगा कि एफआईआर को रद्द किया जाएगा या नहीं. अदालत ने सभी पक्षों को जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं.
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