सिंधु जल समझौता: रोके गए पानी के बाद, पाकिस्तान के मंत्रालय ने जलशक्ति मंत्रालय से पानी की आपूर्ति शुरू करने के लिए भेजा पत्र

खबरे शेयर करे -

खबर रफ़्तार,आगरा: आजादी के बाद से ही भारत के लिए पाकिस्तान नदियों का पानी रोकता रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति मो. अयूब खान ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

सिंधु जल समझौते को रद्द करने के बाद बगलिहार और सलाल बांध से पाकिस्तान को पानी रोक दिया गया। बांध के गेट बंद होने से रोके गए पानी के बाद पाकिस्तान के मंत्रालय ने जलशक्ति मंत्रालय से पानी की आपूर्ति शुरू करने के लिए पत्र भेजा है, लेकिन पाकिस्तान आजादी के बाद से ही भारत आने वाली नदियों का पानी रोकता रहा है। वहीं भारत से जा रही नदियों का पानी रोकने का जब भी पाकिस्तान ने दुष्प्रचार किया, प्रधानमंत्री बयान जारी करके सफाई देते रहे

अमर उजाला आर्काइव के पन्नों में 19 सितंबर, 1960 को हुई सिंधु जल संधि का ब्योरा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति मो. अयूब खान ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें भारत को केवल 20 फीसदी पानी दिया गया। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से व्यास, रावी, सतलुज नदियों का पानी भारत को और सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को देने पर समझौता हुआ।

इस संधि से पहले 21 फरवरी, 1953 को पाकिस्तान ने पानी रोकने का दुष्प्रचार किया तो प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लोकसभा में सफाई दी कि पानी नहीं रोका गया है। इसके बाद 13 अगस्त, 1958 को प्रकाशित खबर में तत्कालीन उप सिंचाई मंत्री जयसुखलाल हथी का बयान दिया गया है, जिसमें उन्होंने लोकसभा में कहा कि 1962 के बाद पाकिस्तान को पानी नहीं दिया जाएगा, लेकिन यह जारी रहा।

सिंधु नदी पर बनाए बांध का पानी युद्ध में नहीं लगा

सिंधु नदी पर विश्व बैंक की ओर से 620 करोड़ रुपये से बनाए गए बांध में 83 करोड़ रुपये भारत ने दिए। इसमें 8 करोड़ रुपये की किस्त युद्ध से पहले दी गई थी। वर्ष 1965 के युद्ध के बाद देश के नेताओं ने आरोप लगाए कि इस धन का पाकिस्तान ने युद्ध में भारत के खिलाफ ही उपयोग किया। इसकी सफाई में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने लोकसभा में दावा किया कि सिंधु जल के लिए दिया पैसा युद्ध में नहीं लगाया गया।
नहर के नीचे नहीं बनी टैंक चलने वाली सुरंग
लोकसभा में 10 नवंबर, 1965 को तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने सांसदों को स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने नहरों के नीचे ऐसी सुरंग नहीं बनाई हैं, जिनसे होकर टैंंक निकल सकें। सिंचाई के लिए केवल जलमार्ग बनाए गए हैं। पाकिस्तान में हो रहे निर्माण पर निगरानी रखी जा रही है। लोकसभा सांसदों ने तब इस बात पर भी चिंता जताई थी कि पाकिस्तान बड़े-बड़े बांधों का निर्माण सिंधु नदी पर कर रहा है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours