ख़बर रफ़्तार,चमोली: चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त ने 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 55 हजार रुपये अर्थदंड की सजा भी सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने एक साल में ही सजा सुनाई।
मामला 13 जनवरी 2022 का है। पीड़िता की मां ने कोतवाली चमोली में तहरीर दी थी। तहरीर में मां ने बताया कि नवंबर 2021 में वह अपने किसी रिश्तेदार के यहां शादी में गई हुई थी और बेटी (11) को उसके ताऊ के यहां छोड़ा था। उसके ताऊ का बेटा (35) शादीशुदा था और तीन बच्चों का पिता भी। ऐसे में किसी घटना की कोई आशंका ही नहीं थी। इसके बाद पीड़िता के ताऊ के लड़के ने बेटी के साथ दुष्कर्म किया। घटना के समय पीड़िता की उम्र महज 11 वर्ष थी। दुष्कर्म के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई। इसका पता उसकी मां को तब चला जब उसके पेट में दर्द होने लगा। उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया जहां उसका गर्भवती होना पाया गया। पीड़िता की मां ने आरोपी के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की। इसके बाद कोतवाली चमोली ने पोक्सो अधिनियम में मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की।
लोक अभियोजक मोहन पंत ने बताया कि पीड़िता की मां ने मुख्य चिकित्साधिकारी को पीड़िता के गर्भपात के लिए पत्र दिया था। कानूनी कार्यवाही करने के बाद पीड़िता का गर्भपात कराया गया। मामले में सभी गवाहों के बयानों को सुनने के बाद जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत ने युवक को दोषी पाते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।पीड़िता को 7,50000 की धनराशि देने के आदेश गोपेश्वर। जिला अदालत ने पीड़िता के चिकित्सा, शिक्षा व पुनर्स्थापना के लिए बतौर प्रतिकर के रूप में विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेश सरकार की ओर से 7 लाख रुपये दिए जाने के आदेश दिए। साथ ही अभियुक्त को सुनाई गई 55 हजार के अर्थदंड में से 50 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए।