मसूरी में सामाजिक कार्यकर्ता ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, ईओ ने भेजा 25 लाख का मानहानि का नोटिस

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ख़बर रफ़्तार, मसूरी: नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भंडारी द्वारा लगाए गए आरोपों के खिलाफ 25 लाख का मानहानि का कानूनी नोटिस दिया है. इसके जवाब में प्रदीप भंडारी ने कहा कि उनके द्वारा पालिका में गौशाला के ऊपर बने फ्लैट्स में हुए घोटालों के लेकर शहरी विकास मंत्रालय को शिकायत की गई थी, इसमें कोई मानहानि नहीं है. अगर अधिशासी अधिकारी पाक साफ हैं, तो जांच से क्यों डर रहे हैं.

अधिशासी अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता में आरोप-प्रत्यारोप

मसूरी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने कहा कि प्रदीप भंडारी द्वारा उन पर बिना सबूत के झड़ीपानी गौशाला के ऊपर बने फ्लैट के आवंटन को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं, जो बेबुनियाद हैं. इससे उनकी छवि को धूमिल हुई है. उन्होंने बताया कि प्रदीप भंडारी ने झड़ीपानी गौशाला में 75 लाख के घोटाले का आरोप लगाया है. नगर पालिका बोर्ड ने गौशाला निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था, जिसे शासन को भेजा गया था. शासन ने 49 लाख 50 हजरा की धनराशि स्वीकृत की. इसका ई टेंडर 17 अक्टूबर 2020 को लगाया गया. जिसके बनने के बाद एक और ई टेंडर 16 अगस्त 2022 को गौशाला के बचे कार्य व ऊपर 10 कमरे बनाने का लगाया गया. दोनों टेंडर जब हुए तब तक उनकी पोस्टिंग नगर पालिका में नहीं हुई थी.

उन्होंने बताया कि उनकी तैनाती मसूरी नगर पालिका परिषद में 22 अगस्त 2022 को हुई. गौशाला के ऊपर दस कमरे अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत बनाये जाने थे, जिसमें से पांच फ्लैट्स आवंटित हो गये थे. उनकी बाकायदा निविदाएं आमंत्रित की गई थीं. वहीं इस बीच एमडीडीए ने गौशाला के ऊपर बने फ्लैट्स की सीलिंग की कार्रवाई की, जिसमें कुछ कमरे सील कर दिये गए थे. उन्होंने कहा कि प्रदीप भंडारी द्वारा बिना सबूतों के आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल की गई है जिस पर उन्होंने 25 लाख रुपये की मानहानि का नोटिस प्रदीप भंडारी को भेजा है. उन्होंने कहा कि अगर सात दिनों के भीतर नोटिस का जबाब नही मिलता है तो उसके बाद कानूनी कार्यवाही की जायेगी.

सामाजिक कार्यकर्ता ने लगाया ये आरोप

सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि उन्हें अभी अधिशासी अधिकारी का कोई भी नोटिस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि नोटिस मिलने के बाद सबूतों के साथ जवाब दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि गौशाला के ऊपर बने फ्लैटस को लेकर पालिका द्वारा बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. उन्होंने कहा कि मीडिया में दिये गए बयानों में अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी कह रहे हैं कि उनकी तैनाती 22 अगस्त को मसूरी पालिका में हुई थी. गौशाला को लेकर सभी कार्रवाई उससे पहले हो गई थी, तो 11 मई 2023 को गौशाला के ऊपर बने फ्लैटस को लेकर टेंडर कॉल क्यों किये गए थे. उन्होंने कहा कि समय पर सभी जबाब दिये जायेंगे.

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