ख़बर रफ़्तार, हल्द्वानी: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग सरकार और लोगों के लिए मुसीबत बन रही है. पहाड़ के जंगल लगातार जल रहे हैं. लेकिन वन विभाग और सरकारी मशीनरी आग बुझाने में पूरी तरह से लाचार है जंगल में लगी आग के चलते कई हेक्टेयर जंगल आग के हवाले हो गए हैं. कई वन सम्पदायें और जीव जंतुओं को भी काफी नुकसान पहुंचा है. जंगल में लगी आग की वजह से कई लोगों की मौत तक हो गई है. ऐसे में कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.
सुमित हृदयेश ने आरोप लगाते हुए कहा इस समय पूरा उत्तराखंड जंगलों में आग के संकटों से जूझ रहा है. जंगलों में आग लगने के चलते वन्य जीव जंतुओं और वन संपदा जल रही है. लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. पहाड़ों में जंगल पूरी तरीके से जलकर राख हो गए, तब जाकर वन विभाग का टोल फ्री नंबर चालू हुआ.
सुमित हृदयेश ने वनाग्नि पर सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ‘रोम जल रहा था तब नीरो बांसुरी बजा रहा था’ वही स्थिति सरकार की हो गई है. वही प्रदेश में बिजली और पेयजल संकट भी रोजाना बढ़ता जा रहा है लेकिन सरकार अपनी निरंकुशता के चलते जनहित से जुड़े मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है.
कुमाऊं में दूनागिरि, सोमेश्वर,अस्कोट और बेतालघाट में जंगल धधकते रहे,आग से किसानों के फल पट्टी को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं पहाड़ों पर लगी आग के चलते पर्यटक भी पहाड़ों पर नहीं पहुंच रहे हैं.पर्यटन कारोबार को भी बुरा असर पड़ा है. सीमांत जिले पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में जंगल आग से धधक रहे हैं.

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