ओडर गांव के ग्रामीण पहुंचे PWD ऑफिस, पिंडर नदी पर ट्रॉली संचालन की उठाई मांग

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ख़बर रफ़्तार, चमोली: देवाल विकासखंड के ओडर गांव को जोड़ने वाला झूला पुल 2013 की आपदा की भेंट चढ़ गया था, तब से अभी तक सरकारें ग्रामीणों की सहूलियत के लिए पुल का निर्माण नहीं करा सकी हैं. हालांकि पिछले साल जून में ओडर गांव के लिए पुल निर्माण हेतु टेंडर भी लगे, लेकिन अब तक ठेकेदार द्वारा पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं कराया जा सका. ऐसे में ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग थराली के दफ्तर पहुंचकर अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता से मुलाकात कर शीघ्र ट्रॉली के संचालन की मांग की है, ताकि ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर लकड़ी के पुल से आवाजाही न करनी पड़े.

ग्रामीण उफनती पिंडर को पार करने के लिए हर साल सितंबर में पिंडर नदी पर लकड़ी का पुल तैयार कर आवाजाही करते हैं और जून में बरसात शुरू होते ही लोक निर्माण विभाग ग्रामीणों की सुगम आवाजाही के लिए ट्रॉली का संचालन शुरू कर देता है, लेकिन इस बार अप्रैल और मई में ही मूसलाधार बारिश से पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ गया और लकड़ी के पुल के दोनों छोरो से नदी बह रही है. ऐसे में ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर आवाजाही को मजबूर हैं. लोक निर्माण विभाग ने ट्रॉली का निरीक्षण कर ट्रॉली का संचालन शुरू करने की कोशिश की, लेकिन ट्रॉली के मोटर में तकनीकी खराबी के चलते ट्रॉली का संचालन शुरू नहीं हो पाया है.

अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता ने बताया कि आमतौर पर लोकनिर्माण विभाग 15 जून से ट्रॉली का संचालन करता है, लेकिन इस बार मानसून से पहले ही मूसलाधार बारिश के चलते पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे लकड़ी का पुल आवाजाही के लिए सुरक्षित नहीं है. उन्होंने बताया कि ट्रॉली में मोटर संबंधित तकनीकी खराबी आई है, जिसे रिप्लेस कर जल्द ही ट्रॉली का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

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