ख़बर रफ़्तार, देहरादून: प्रदेश के सुगम क्षेत्र के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की सेवा प्रोत्साहन के रूप में दुर्गम की सेवा के रूप में नहीं जुड़ेगी। शिक्षा निदेशालय ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा है। शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट के मुताबिक, सुगम की सेवा के दुर्गम में जुड़ने से इन विद्यालयों के अधिकतर शिक्षक दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में जाने के लिए तैयार नहीं हैं।
इन विद्यालयों में प्रधानाचार्य और शिक्षकों की तैनाती के लिए शासन ने 23 जुलाई 2021 को आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया था कि इन विद्यालयों के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों का चयन किया जाएगा। अंग्रेजी भाषा के ज्ञान के आधार पर यह परीक्षा होगी।
चयनित शिक्षकों को प्रोत्साहन के रूप में कुछ लाभ दिए जाएंगे।यदि कोई शिक्षक चयन के बाद सुगम क्षेत्र के विद्यालय में तैनात होता है, तो उसकी सुगम क्षेत्र की सेवा को दुर्गम क्षेत्र की सेवा माना जाएगा, जबकि दुर्गम की सेवा को डबल दुर्गम माना जाएगा। शिक्षक की एक साल की दुर्गम की सेवा को दो साल की दुर्गम की सेवा मानते हुए उसकी सेवा में जोड़ा जाएगा।
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