उत्तराखंड : जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति पर धामी सरकार, भर्ती घोटाले में 55 को जेल, 14 रंगे हाथों धरे गए

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देहरादून : प्रदेश की धामी सरकार ने भ्रष्टाचार की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भर्ती घोटाले में 55 आरोपियों को जेल भेजा जबकि 14 सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार को रोकने तथा घूसखोरी जैसे कृत्यों की रोकथाम में राज्य सतर्कता इकाइयों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की।

सीएम धामी ने कहा कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल की शिकायतों की जांच में भी सतर्कता इकाई द्वारा प्रभावी प्रयास किए गए । मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति का अनुसरण कर नकल माफिया के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का निर्णय लिया। सख्त नकल विरोधी कानून बनाने जा रहे हैं। कहा, उत्तराखंड के युवाओं का हक मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएं स्वच्छ और पारदर्शी हो।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने अब तक उठाए ये कदम

  • विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल की शिकायतों की जांच कराई।
  • आयोगों की परीक्षाओं में हुई नकल की जांच में 55 लोगों को जेल भेजा।
  • अभिसूचना इकाई देहरादून एवं हल्द्वानी ने 14 कार्मिकों को कदाचार के मामले में रंगे हाथों पकड़वाया।
  • आय से अधिक मामलों तथा निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमिताओं की भी तत्परता से जांच कर दोषियों को सजा दिलाई।
  • नकल माफिया के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की।
  • सख्त नकल विरोधी कानून बनाने का कैबिनेट में निर्णय लिया।
  • अब तक ये कर्मचारी रिश्वत लेेते धरे गए

कमलेश्वर प्रसाद थपलियाल(समीक्षा अधिकारी), राजकुमार (राजस्व निरीक्षक) संदीप कुमार शर्मा (एसडीओ), नरेश कुमार सैनी( राजस्व उपनिरीक्षक), मोतीलाल (राजस्व निरीक्षक), राजेश कुमार हाल (रजिस्ट्रार कानूनगो), शिवमूर्ती सिंह (मंडी निरीक्षक), देवनाथ मिश्रा (प्रवर सहायक) देवनाथ मिश्रा ( सहायक प्रभागीय वनाधिकारी के निजी सहायक) दिनेश कुमार, अशरफ अली (कानूनगो)को, बनवारी लाल (रजिस्टार कानूनगो), आनंद चंद (पेशकार, चकबंदी अधिकारी), अब्दुल हबीब खान (जिस्टार कानूनगो)

  • आय से अधिक संपत्ति मामले में इन पर हुई कार्रवाई

डॉ० राम विलास यादव (आईएएस), आनन्द कुमार जायसवाल तत्कालीन एआरटीओ ऋषिकेश। रेंजर बृज बिहारी शर्मा, संरक्षक किशन चंद, नरेन्द्र सिंह जादौन।

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