उत्तराखंड: 1982 में टेंट में चलता था देहरादून एयरपोर्ट का मौसम विभाग…आज 150 साल का हुआ

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ख़बर रफ़्तार, देहरादून:  भारत मौसम विज्ञान विभाग 15 जनवरी यानी आज 150 साल का हो गया है। इसकी स्थापना 1875 में की गई थी। 150 साल पूरे होने पर इसके स्थापना दिवस को देश के सभी मौसम केंद्रों पर वर्ष भर एक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। देहरादून एयरपोर्ट पर भी इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

देहरादून एयरपोर्ट के मौसम विभाग के इतिहास से कई रोचक किस्से जुड़े हुए हैं। 1970 के आसपास देश के तत्कालीन प्रमुख उद्योगपति बिड़ला की ओर से जौलीग्रांट में जंगल काटकर एक छोटी सी हवाई पट्टी को बनाया गया था।

1982 में जौलीग्रांट हवाई पट्टी पर मौसम विभाग की स्थापना की गई। तब मौसम विभाग कार्यालय एक टेंट में संचालित किया जाता था। मौसम से संबंधित सारा कार्य मैनुअल ही किया जाता था। दस सालों तक यह मौसम विभाग टेंट में संचालित किया गया। उसके बाद एक जर्जर वाहन के अंदर और फिर फाइबर के केबिन में मौसम विभाग को संचालित किया गया।

स्थापना दिवस की तैयारियों को अंतिम रूप

2007 में जौलीग्रांट हवाई पट्टी का विस्तार कर इसे बड़ा एयरपोर्ट बनाया गया। जिसके बाद से वर्तमान तक मौसम विभाग एटीसी बिल्डिंग में संचालित किया जा रहा है, जो आज पूरी तरह से डिजिटल और कंप्यूटरीकृत है। एयरपोर्ट का मौसम विभाग हर आधे घंटे में सभी विमानों के लिए मौसम बुलेटिन जारी करता है। जिससे सभी तरह के विमान एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतरते हैं। देहरादून एयरपोर्ट के मौसम विभाग अपना 150वां स्थापना दिवस की तैयारियों को अंतिम रूप दे चुका है।

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देहरादून एयरपोर्ट पर मौसम विभाग की स्थापना 1982 के आसपास हुई थी। तब यह केंद्र एक टेंट में चलता था। आज एयरपोर्ट का मौसम विभाग अत्याधुनिक उपकरणों के साथ पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत हो चुका है। – भगीरथ ढौंडियाल, विशेषज्ञ एयरपोर्ट मौसम विभाग

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