
खबर रफ़्तार, लखनऊ: यूपी में बिजली के निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। अब 21 जुलाई को होने वाली जनसुनवाई का विभाग विरोध कर रहा है।
पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का विरोध बढ़ता जा रहा है। बिजली दर की सुनवाई के दौरान कर्मचारी संगठनों के साथ ही उपभोक्ताओं एवं किसानों ने जबरदस्त विरोध किया। अब लखनऊ में 21 जुलाई को होने वाली जनसुनवाई में विरोध की तैयारी शुरू हो गई है। इसे लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। वहीं, उपभोक्ता परिषद तकनीकी बारीकियों पर सवाल खड़े करने की तैयारी में है।
सुनवाई पूरी होने के बाद नियामक आयोग बिजली दरें तय करेगा। इस बार की जनसुनवाई के दौरान वाराणसी से लेकर मेरठ तक निजीकरण को रद्द करने की मांग उठती रही। लखनऊ में होने वाली सुनवाई को लेकर भी विरोध की तैयारी शुरू हो गई है। पूर्वांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल, केस्को द्वारा विद्युत नियामक आयोग में कुल लगभग 113060 करोड़ का वार्षिक राजस्व आवश्यकता दाखिल किया गया है।
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