ख़बर रफ़्तार, खटीमा: उत्तराखंड के खटीमा में भारामल मंदिर के महंत श्री हरिगिरि महाराज की हत्या के मामले का रविवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि पुराने सेवादार समेत तीन लोगों ने मिलकर की थी। 25 दिसंबर 2024 को भारामल मंदिर में भंडारे के दिन तीनों आरोपियों को शराब पीने से रोककर श्रीहरिगिरि महाराज ने डांटकर भगा दिया था। जिसपर तीनों उनसे रंजिश रखने लगे थे।
जबकि दूसरे सेवादार नन्हे को गंभीर रूप से घायल कर दिया। नन्हें को मरा समझकर वह उसे छोड़कर चले गए थे। जबकि तीसरे सेवादार जगदीश ने पराली के ढेर में छिपकर जान बचाई थी।
उन्होंने बताया कि अभियुक्तों में पीलीभीत निवासी रामपाल और उसके भाई कालीचरण और पवन कुमार को शनिवार रात को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि रामपाल और कालीचरण सगे भाई हैं। कालीचरण करीब पांच साल पहले भारामल मंदिर में सेवादार रह चुका है। उसे भारामल मंदिर के सभी रास्ते मालूम थे। जबकि पवन कुमार पीलीभीत के सुनगड़ी थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है।